जनसंख्या नियंत्रण के चक्कर में खुद का कंट्रोल खो बैठे सुशासन बाबू, गंदी बात किसकी संगत का असर?

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Nitish Kumar Controversial Statement On Population Control: बिहार विधानसभा के पटल पर बिहार के मुख्यमंत्री ने लड़का-लड़की वाला सेक्स एजुकेशन का पाठ ऐसा पढ़ाया है कि पटना से लेकर दिल्ली तक सेक्स एजुकेशन को लेकर तरह-तरह की बातें शुरू हो गई हैं. सोशल मीडिया पर सुशासन बाबू को जमकर ट्रोल भी किया जा रहा है. नीतीश कुमार के इस बयान के बाद बीजेपी हमलावर है. इन सब के बीच सवाल यह उठता है कि क्या एक मुख्यमंत्री को ऐसा बयान सदन के पटल पर देना चाहिए. क्या बिहार सीएम का यह बयान सदन की कार्रवाई में शामिल होगा या हटा दिया जाएगा.

दरअसल, बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर मंगलवार (7 नवंबर) को विधानसभा में जो बातें कहीं वो शायद ही आज से पहले किसी मुख्यमंत्री ने कही होंगी. सुशासन बाबू यानी नीतीश कुमार का जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जितना विवादास्पद बयान था, उससे ज्यादा उनके हाथों का आपत्तिजनक इशारा था. बता दें कि बिहार के सीएम ने जितनी गंदी बातें बिहार विधानसभा में कही वह यहां लिखा जाना भी उचित नहीं है. नीतीश के कुमार के इस बयान के बाद से सियासी हलचल तेज हो गई है. पक्ष-विपक्ष की तरफ से इसको लेकर तरह-तरह के विवादित बयान सामने आ रहे हैं.

बीजेपी ने लगाया ये आरोप
बिहार के सीएम नीतीश के बयान पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई है. बीजेपी नेता तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि इस बात को सीएम और अच्छे तरीके से कह सकते थे. इतना ही नहीं सीएम ने जो कहा उसे सुनकर बीजेपी की एमएलसी निवेदता सिंह रोने तक लगीं. सदन से बाहर आने पर निवेदता सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार को शर्मसार करने का काम किया है. वहीं, बीजेपी MLC निवेदता सिंह ने कहा कि हम मां, बहन, पत्नी और बेटी हैं. वो भी एक पिता हैं. सदन में इस तरह का गंदा बयान देना कही से उचित नहीं है. बीजेपी नेत्री ने कहा कि सदन में महिला विधायक और एमएलसी मौजूद थीं, जिसका ख्याल नीतीश कुमार ने नहीं किया. मुख्यमंत्री बोल रहे थे और हम सभी उनकी बातों को सुन रहे थे. मैं तो सदन से बाहर निकल गई. अगर चाहती तो सीएम को जवाब देकर बाहर आती, लेकिन हमारे नेता चुप थे इसलिए मैं भी चुप रही.

बिहार के भार नीतीश कुमार
नीतीश कुमार के इस बयान पर बीजेपी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भला कोई इतना गंदा और नंगा हो सकता है क्या? बिहार विधानसभा के बाद विधान परिषद में महिला और पुरुष के संबंधों का घृणित और निकृष्ट शब्दों में पोस्टमार्टम करके नीतीश कुमार ने अपना चरित्र और चेहरा उजागर कर दिया. महिला सशक्तिकरण के नाम पर महिलाओं के प्रति अपनी घटिया सोच का साक्ष्य दिया है. बिहार के भार नीतीश कुमार…

गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सेक्स एजुकेशन को लेकर जो महिलाओं को शर्मशार करने वाला बयान दिया वह शायद ही आज तक किसी सीएम ने विधानसभा के अंदर दिया हो, ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या कि क्या एक मुख्यमंत्री को ऐसा बयान सदन के पटल पर देना चाहिए? क्या बिहार सीएम का यह बयान सदन की कार्रवाई में शामिल होगा या हटा दिया जाएगा? जोकि इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. हालांकि इसका निर्णय विधानसभा अध्यक्ष द्वारा ही लिया जा सकता है कि इस तरह के सेक्स एजुकेशन की बात उचित या अनुचित.

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