UP Politics: इंडिया गठबंधन की सांस लोकसभा चुनाव से पहले टूटती नजर आ रही है. क्योंकि जहां एक ओर ममता बनर्जी के साथ ही पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) ने इंडिया गठबंधन का साथ छोड़ा, तो वहीं नीतीश कुमार भी साथ अब छोड़ गए हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि भाजपा को केंद्र की सत्ता से हटाने के लिए इंडिया गठबंधन की छत के नीचे आए विरोधी दलों का सपना आखिर कैसे पूरा होगा? तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने ही इंडिया गठबंधन को वेंटिलेटर पर होने की बात कह दी है.
किसी को रोकने की कोशिश नहीं करती कांग्रेस
मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “कांग्रेस किसी को रोकने की कोशिश नहीं करती. जिसे जाना हो जाओ. कांग्रेस एक महान पार्टी है, INDIA गठबंधन जब से बना तभी से ये गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो गया. अंत में वेंटिलेटर पर गया. कल नीतीश कुमार ने इसका अंतिम संस्कार भी कर दिया. अब INDIA गठबंधन का क्या होगा?” बता दें, लोकसभा चुनाव से ठीक कुछ महीने पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर भाजपा का हाथ थाम कर आगे बढ़ गए हैं. वहीं राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकालने में जुटी है औऱ विपक्षी गठबंधन कमजोर होता दिखाई दे रहा है. अब तक केवल बंगाल और पंजाब में ही विपक्षी इंडिया गठबंधन कमजोर होता दिखाई दे रहा था. लेकिन, अब बिहार में भी इसकी पकड़ ढीली होती नजर आ रही है.
#WATCH गाज़ियाबाद: कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, "कांग्रेस किसी को रोकने की कोशिश नहीं करती। जिसे जाना हो जाओ। कांग्रेस एक महान पार्टी है… INDIA गठबंधन जब से बना तभी से ये गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो गया… अंत में वेंटिलेटर पर गया… कल नीतीश कुमार ने इसका अंतिम… pic.twitter.com/CedJaYOaON
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 29, 2024
9वीं बार नीतीश कुमार के सीएम बनने पर पहली बार हुआ ये काम
बता दें कि पिछले एक हफ्ते से बिहार की राजनीति में जमकर उथल-पुथल मची हुई थी और आखिरकार तमाम कयासों पर रविवार को विराम लग गया, जब नीतीश कुमार ने दोपहर में राज्यपाल से मुलाकात करके उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया और इसके तुरंत बाद भाजपा की बैठक हुई और फिर उन्होंने 9वीं बार सीएम पद की शपथ ली. लेकिन, इस बार एक सीएम के साथ दो डिप्टी सीएम भी बनाए गए हैं. नीतीश कुमार ने शाम 5 बजे 9वीं बार बिहार के नए सीएम के तौर पर शपथ ली. तो वहीं इस पूरे घटनाक्रम में सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि बिहार की राजनीति में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी सीएम ने दिन में इस्तीफा दिया हो और शाम को शपथ ग्रहण समारोह भी हो गया हो.
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