जो राम का नहीं जो कृष्ण का नहीं, वो यदुवंशी कैसे? डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने सपा पर बोला हमला

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में बीजेपी जातिगत समीकरण साधने में लगी है. इस कड़ी में बीजेपी ने एक दर्जन लोकसभा सीटों पर निर्णायक सपा के यादव वोट बैंक में बीजेपी ने बड़ी सेंध लगाने का अभियान तेज कर दिया है. आज यानी सोमवार को बीजेपी की ओर से राजधानी में यादव समाज के एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम को संबोदिथ करते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा.

बता दें कि हाल ही में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को अखिलेश यादव ने अस्वीकार कर दिया था. इसको लेकर डिप्टी सीएम ने सपा प्रमुख पर निशाना साधा और कहा कि जो प्रभु श्रीराम का न हुआ, वो यदुवंशी श्रीकृष्ण का कैसे होगा.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि मतलब परस्त राजनीतिक पार्टियों से सावधान रहें. श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मामला अदालत में है. सरकार श्रीकृष्ण जन्म भूमि की लड़ाई लड़ रही है. अदालत में पूरी पैरवी कर रही है. सरकार आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. उत्तर प्रदेश के इतिहास को देखे, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण कण-कण में हैं. हम सभी के रोम-रोम में हैं.

समाज को पूरा करता है यादव समाज

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने इस कार्यक्रम में कहा कि यादव समाज के बगैर समाज की पूर्णता नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि यादव समाज ने शुरूआत से ही भारत की संस्कृति को मजबूत करने का काम किया है. इस बात का भी डिप्टी सीएम ने जिक्र किया कि जब भी बात यादव समाज की होती है तो तब हम अपने आरध्य श्रीकृष्ण जी को याद करते हैं. सभी श्रीकृष्ण के वंशज हैं. हमारे माता-पिता ने मेरा नाम भी भगवान के नाम पर रखा है.

यादव वोटर्स पर भाजपा की नजर

उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने यादव वोटर्स को अपने पक्ष में करने की तैयारी शुरू कर दी है. दरअसल, पूरे प्रदेश में 9 फीसदी यादव मतदाता हैं. वहीं, प्रदेश में 9 ऐसी सीटे हैं जो यादव बाहुल्य हैं. उत्तर प्रदेश में फर्रुखाबाद, मैनपुरी, फिरोजाबाद, कन्नौज, बदायूं, एटा, आजमगढ़, फैजाबाद, बलिया, कुशीनगर, संत कबीरनगर और जौनपुर की सीटों को यादव मतदाता बाहुल्य इलाका माना जाता है. रिपोर्ट्स की मानें तो इन 9 जिलों में 15 से 18 फीसदी वोटर यादव वोटर हैं. हालांकि प्रदेश की 44 जिलों में यादव वोटर 9 से 10 फीसदी तक हैं.

इनमें से अधिकतर सीटों पर सपा एमवाई समीकरण के सहारे जीतते आई है. अब बीजेपी ने नई रणनीति के तहत इन सीटों पर अपनी मजबूती बनाने की कोशिश में है. हाल ही में बीजेपी ने मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर एक बड़ा दांव चल दिया है. अगर बीजेपी की यह रणनीति सफल होती है तो अधिकतर यादव मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में सफल हो जाएगी.

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