Special Parliament session 2023: आज संसद के विशेष सत्र का पहला दिन है. केंद्र सरकार ने कई मुद्दों पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया है. विशेष सत्र के पहले दिन और पुरानी संसद में आखिरी दिन पीएम मोदी ने अपना संबोधन दिया. उन्होंने पुरानी संसद से प्रेरणा लेने की बात कही. पीएम मोदी ने कहा कि इसी भवन में दो साल 11 महीने तक संविधान सभा की बैठकें हुईं और देश के लिए एक मार्गदर्शक जो आज भी हमें चलाते हैं, उन्होंने हमें संविधान दिया. हमारा संविधान लागू हुआ, इन 75 वर्षों में सबसे बड़ी उपलब्धि देश के सामान्य मानवीय का इस संसद पर विश्वास बढ़ना रहा है.
एक गरीब परिवार का बच्चा भी संसद पहुंचा
पीएम मोदी ने पुराने संसद भवन के भीतर संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा, “मैं पहली बार जब संसद का सदस्य बना और पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में जब मैंने प्रवेश किया तो सहज रूप से इस सदन के द्वार पर अपना शीश झुकाकर अपना पहला क़दम रखा था, वह पल मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ था.” उन्होंने कहा मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर रहने वाला एक गरीब परिवार का बच्चा कभी संसद में प्रवेश कर पाएगा. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे लोगों से इतना प्यार मिलेगा.”
इतिहास और भविष्य दोनों की कड़ी जोड़ने का अवसर
पीएम मोदी ने पुराने संसद में अपने आखिरी भाषण के दौरान कहा कि वर्तमान सांसदों के लिए यह विशेष सौभाग्य का विषय है और वह इसलिए क्योंकि हमें इतिहास और भविष्य दोनों की कड़ी का हिस्सा होने का अवसर मिला है. हम नए संसद में जाएंगे तो एक नए विश्वास के साथ जाएंगे. मैं सभी सदस्यों व अन्य के द्वारा दिए गए अपने योगदान के लिए धन्यवाद करता हूं.
संसद पर आतंकी हमले का जिक्र
पीएम मोदी ने संसद पर आतंकी हमले का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जब आतंकी हमला हुआ यह आतंकी हमला किसी इमारत पर नहीं बल्कि एक प्रकार से लोकतंत्र की जननी, हमारी जीवित आत्मा पर हमला था. उस घटना को देश कभी नहीं भूल सकता. मैं उन लोगों को भी नमन करता हूं जिन्होंने आतंकवादियों से लड़ते हुए संसद और उसके सभी सदस्यों की रक्षा के लिए अपने सीने पर गोलियां खाईं. उन्होंने कहा, “इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती है और हम यह सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है. उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है.”
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