गृह मंत्री अमित शाह की दो टूक, CAA राजनीतिक मुद्दा नहीं; मुसलमानों को भी आवेदन का अधिकार

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Amit Shah On CAA: देश भर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू हो गया है. विपक्षी पार्टियां सीएए का लगातार विरोध कर रहीं हैं. वहीं, इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने सीएए के मुद्दे पर विपक्ष को जमकर फटकार है. बता दें कि समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा, ‘सीएए कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा. हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा अधिकार है, हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे. मुसलमानों को भी नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है.’ आइए जानते गृह मंत्री शाह ने सीएए के मुद्दे पर क्या कुछ कहा ..

देश के खिलाफ क्यों है CAA?

विदेशी मीडिया द्वारा तीन तलाक, CAA और अनुच्छेद 370 पर सवाल उठाए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “विदेशी मीडिया से पूछिए कि क्या उनके देश में तीन तलाक, मुस्लिम पर्सनल लॉ, अनुच्छेद 370 जैसे प्रावधान हैं. वहीं, CAA को लेकर राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “राहुल गांधी को जनता को बताना चाहिए कि यह(CAA) देश के खिलाफ क्यों है, जैसे हम समझा रहे हैं कि यह देश के पक्ष में क्यों है.”

नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं

जब गृह मंत्री शाह क्या CAA के जरिए नागरिकता पाने वालों की अलग पहचान होगी, इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “वे भारत के आम नागरिक की तरह ही भारत के नागरिकों की सूची में समाहित हो जाएंगे. उन्हें भी उतने ही अधिकार होंगे जितने आपके या मेरे पास हैं. वे चुनाव भी लड़ सकते हैं, MLA, MP, मुख्यमंत्री या केंद्र सरकार के मंत्री भी बन सकते हैं. वहीं, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा CAA को “एंटी मुस्लिम” कहे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “क्या तर्क है? मुसलमानों पर इसलिए धार्मिक प्रताड़ना नहीं हो सकती क्योंकि तीनों देश घोषित इस्लामिक स्टेट हैं…इस कानून में NRC का कोई प्रावधान नहीं है. इस कानून में किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है.

CAA को रद्द करना असंभव

विपक्षी नेताओं द्वारा यह कहे जाने पर कि अगर INDIA गठबंधन चुनाव जीतती है तो CAA को रद्द कर दिया जाएगा पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “उन्हें भी पता है कि INDI गठबंधन सत्ता में नहीं आने वाली है. CAA के कानून को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार लाई है, इसे रद्द करना असंभव है. यह पूर्णतः संवैधानिक रूप से वैध कानून है. सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून पर कोई स्टे नहीं लगाया है. मैं उद्धव ठाकरे से पूछता हूं कि पहले वे स्पष्ट करें कि CAA लागू होना चाहिए या नहीं. अब उन्हें अल्पसंख्यकों के वोट चाहिए इसलिए वे तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं.

तुष्टिकरण की राजनीति के लिए गलत प्रचार

केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल द्वारा कहे जाने पर कि वे अपने राज्यों में CAA लागू नहीं करेंगे के सवाल पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “हमारे संविधान के अनुच्छेद 11 में संसद ने नागरिकता के बारे में कानून बनाने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ भारत की संसद को दिया है. यह केंद्र का विषय है, केंद्र और राज्यों का साझा विषय नहीं है. मुझे लगता है चुनाव के बाद सभी सहयोग करेंगे. वे तुष्टिकरण की राजनीति के लिए गलत प्रचार कर रहे हैं.

देश के हर हिस्से में लागू होगा CAA

असम में CAA के कार्यान्वयन और CAA और NRC के संबंध पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “NRC का CAA से कोई लेना-देना नहीं है. असम नहीं बल्कि देश के हर हिस्से में CAA लागू होगा, सिर्फ नॉर्थ ईस्ट के वह राज्य जहां दो तरह के विशेष अधिकार दिए गए हैं, सिर्फ उन्हीं इलाकों में CAA लागू नहीं होगा. इसमें वे क्षेत्र शामिल हैं जहां इनर लाइन परमिट (ILP) का प्रावधान है और वे क्षेत्र जिन्हें संविधान की 6वीं अनुसूची के तहत विशेष दर्जा दिया गया है.”

किसी को डरने की जरूरत नहीं

CAA के बाद नागरिकता पाने वाले लोगों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं, “बहुत सारे लोग हैं, अभी तक कोई गिनती नहीं है. जो दुष्प्रचार चल रहा है, उसके कारण कई लोग आवेदन करने में भी संकोच करेंगे. मैं यहां आवेदन करने वाले सभी लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी सरकार पर भरोसा रखिए आपको पूर्वव्यापी प्रभाव से नागरिकता दी जाएगी. यह कानून आपको शरणार्थी के रूप में स्वीकार कर रहा है. यदि आपने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया है, तो आपके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं होगा. किसी को डरने की जरूरत नहीं है. सभी को समान अधिकार दिए जाएंगे क्योंकि वे भारत के नागरिक बन जाएंगे.”

ममता बनर्जी को खुली चनौती

CAA अधिसूचना को लेकर पश्चिम बंगाल CM ममता बनर्जी के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “मैं ममता बनर्जी को निवेदन करना चाहता हूं कि राजनीति करने के हजारों मंच हैं, कृपया कर के बांग्लादेश से आए बंगाली हिंदू का अहित न करें. आप भी एक बंगाली हैं. ममता बनर्जी को मैं खुली चुनौती देता हूं कि इस कानून की धारा में से एक धारा वे नागरिकता छीनने वाली बता दें, वे खौफ पैदा कर रही हैं. वह दिन दूर नहीं, जब भाजपा वहां (पश्चिम बंगाल) सत्ता में आएगी और घुसपैठ रोकेगी. मैं मानता हूं कि अगर आप(ममता बनर्जी) इतने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे के साथ तुष्टिकरण की राजनीति कर घुसपैठ होने देंगे, जो शरणार्थी आए हैं उन्हें नागरिकता देने का विरोध करेंगे तो जनता आपके साथ नहीं रहेगी. ममता बनर्जी को शरणार्थी और घुसपैठ दोनों शब्दों के बीच का अंतर ही नहीं पता है.”

चोरी और बलात्कार बढ़ेंगे

दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल के ‘शरणार्थियों को नागरिकता देने से चोरी और बलात्कार बढ़ेंगे’ वाले बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने भ्रष्टाचार के उजागर होने से अपना आपा खो बैठे हैं. उन्हें पता नहीं है कि ये लोग भारत में आ चुके हैं और भारत में रह रहे हैं. अगर उन्हें इतनी ही चिंता है तो वे बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात नहीं करते या रोहिंग्या का विरोध क्यों नहीं करते? वे वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं. वे विभाजन की पृष्ठभूमि भूल गए हैं, उन्हें शरणार्थी परिवारों से मिलना चाहिए.”

मुसलमानों को भी आवेदन करने का अधिकार

CAA अधिसूचना और उसके प्रावधानों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “.मुसलमानों को भी नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है. किसी के लिए रास्ता बंद नहीं है. यह विशेष अधिनियम इसलिए बनाया गया है क्योंकि ये बिना किसी दस्तावेज़ के आए हैं . जिनके पास दस्तावेज नहीं है उनके लिए हम कोई रास्ता ढूढेंगे लेकिन जिनके पास दस्तावेज है वे अमूमन 85% से ज्यादा है. कोई समय सीमा नहीं है. आराम से समय लेकर आवेदन किया जा सकता है, भारत सरकार आपके उपलब्ध समय के अनुसार साक्षात्कार के लिए आपको कॉल करेगी. सरकार आपको दस्तावेज़ के ऑडिट के लिए बुलाएगी और आमने-सामने साक्षात्कार किया जाएगा… वे सभी लोग जिन्होंने 15 अगस्त 1947 से 31 दिसंबर 2014 के बीच भारत में प्रवेश किया है उनका यहां स्वागत है.”

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