UP News: कांग्रेस द्वारा अपने घोषणा पत्र को न्याय पत्र कहा जाना अपने आप में हास्यास्पद है. वास्तव में यह अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जातियों के प्रति, भारत की सनातन आस्था के प्रति अन्याय पत्र है. यह बातें बुधवार को अकबरपुर, फर्रुखाबाद और शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए निकलने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कही.
सीएम ने कहा कि कांग्रेस का घोषणा पत्र मुस्लिम लीग के नए वर्जन के जैसा है. देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल का घोषणा पत्र मुस्लिम लीग का प्रतिनिधित्व करता हो, इससे ज्यादा शर्मनाक दूसरा कुछ और नहीं हो सकता.
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा भाजपा पर नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री योगी ने तल्ख अंदाज में कहा कि सफेद झूठ बोलने की बजाय कम से कम सोनिया गांधी को तो सच बोलने की आदत डालनी चाहिए.
चुनाव के दौरान अब वे लोग देश की जनता की आंखों में धूल झोंककर सत्ता नहीं हथिया पाएंगे, क्योंकि मोदी जी के नेतृत्व में पूरा देश एकजुट होकर एक भारत-श्रेष्ठ भारत का दर्शन कर रहा है.
“उल्टा चोर कोतवाल को डांटे” जैसा सोनिया का आरोप
सीएम ने कहा कि सोनिया गांधी जी की तरफ से भाजपा पर लगाया गया झूठा आरोप ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ को चरितार्थ करने जैसा है. उन्होंने कहा कि यह हर व्यक्ति जानता है, बांटों और राज करो की नीति कांग्रेस को विरासत में प्राप्त हुई है. अंग्रेजों की कुटिल चाल को 1947 में कांग्रेस ने सफल होने दिया और देश का बंटवारा किया.
सीएम योगी ने कहा कि आजादी के बाद राजनीतिक स्वार्थ के कारण जाति, क्षेत्र और भाषा के नाम पर देश के अंदर वर्ग संघर्ष को कांग्रेस ने बढ़ावा दिया. आतंकवाद, नक्सलवाद और अलगाववाद, यह सब कांग्रेस की ही देन है. सीएम ने सवालिया अंदाज में कहा कि यूपीए चेयरपर्सन के रूप में श्रीमती सोनिया गांधी जी ने 2004 से लेकर 2014 के बीच में क्या किया, यह कौन नहीं जानता.
उस समय क्या यह सच नहीं कि ओबीसी के आरक्षण पर सेंधमारी लगाने के लिए जस्टिस रंगनाथ मिश्रा की कमेटी इन्होंने गठित की थी और कमेटी ने संस्तुति की थी कि ओबीसी के आरक्षण में से 6 प्रतिशत आरक्षण मुसलमानों को दे दिया जाय.
भाजपा और एनडीए ने उस समय विरोध किया था और कांग्रेस के मंसूबे पूरे नहीं हो पाए थे. यही नहीं, एससी-एसटी के अधिकारों पर भी कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने घुसपैठ करने का प्रयास किया था. सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में मुसलमानों की कुछ जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रयास भी कांग्रेस सरकार के समय में हुआ था, लेकिन एनडीए और भाजपा के विरोध से कांग्रेस के मंसूबे पूरे नहीं हो पाए.