Akhilesh Yadav: अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) नारे को लेकर आगे बढ़ रही है. इन सब के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव अब ब्राह्मण समाज को भी साधने में जुट गए हैं. इसको लेकर राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर रविवार को महाब्राह्मण महापंचायत का आयोजन किया गया था. अखिलेश यादव ने महापंचायत को लेकर कहा कि यह ब्राम्हणों को सपा से जोड़ने की मुहिम का हिस्सा है. हालांकि, इस महापंचायत में सर्वाधिक नाराजगी स्वामी प्रसाद के बयानों को लेकर दिखी. इस पंचायत में सपा मुखिया ने माना की उनकी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य सनातन धर्म और ब्राम्हणों के खिलाफ गलत बोलते हैं.
मौर्य से हिंदू नाराज
आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले दिनों से अपने बयानों को लेकर काफी सुर्खियों में रहे हैं. उन्होंने लगातार ब्राह्मणों और हिंदू समाज के खिलाफ बयान दिए. इस बात का विरोध हिंदू समाज ने किया. मौर्य ने हिंदू देवी- देवताओं और धार्मिक ग्रंथों को निशाना बनाया. अपने बयानों के माध्यम से उन्होंने एक अलग माहौल बनाने का प्रयास किया. उनके बयानों को लेकर माना जाने लगा कि सपा दलित समाज को जोड़ने में कामयाब हो जाएगी. हालांकि उनके बयान से हिंदू वर्ग काफी आक्रोशित दिखा, जिसका सीधा असर 2022 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला.
अखिलेश यादव ने दिया आश्वासन
रविवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित सपा के प्रदेश मुख्यालय पर महाब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन किया गया. उस महासम्मेलन में सपा के मुखिया अखिलेश यादव बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. इस कार्यक्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दिए गए बयानों का मुद्दा भी उठा. सपा के इस सम्मेलन में आए प्रबुद्ध सभा की राज्य कार्यकारिणी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने किसी का नाम तो नहीं लिया, हालांकि उन्होंने इशारों ही इशारों में इस तरह के बयानों पर रोक लगाने की मांग की. सम्मेलन में अखिलेश यादव ने आश्वासन दिया कि इस तरह की चीजों पर अंकुश लगाया जाना चाहिए. सपा प्रमुख ने पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को नसीहत दी कि धर्म और जाति को लेकर टिप्पणी ना करें.