Khelo India Games: खेलो इंडिया योजना के तहत अब तक 2781 खिलाड़ियों को चुना गया है. ये खिलाड़ी 21 खेलों से हैं, जिनमें पैरा एथलेटिक्स भी शामिल हैं. इन एथलीटों को खेलो इंडिया टैलेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत जरूरी सहायता प्रदान की जा रही है. यह जानकारी खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को लोकसभा में दी. मांडविया ने कहा, “खेलो इंडिया योजना के तहत प्रतिभाओं की पहचान और उनके विकास के लिए एक स्ट्रक्चर्ड प्रक्रिया अपनाई जाती है. यह योजना कोचिंग, उपकरण, मेडिकल केयर और हर महीने आउट ऑफ पॉकेट अलाउंस (OPA) के माध्यम से एथलीटों को सहायता देती है.”
चुने गए एथलीट्स को खेलो इंडिया एथलीट्स (कहा जाता है. इन खिलाडियों को भारतीय खेल प्राधिकरण, राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों और अन्य मान्यता प्राप्त अकादमियों में ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्होंने बताया, यह कार्यक्रम भारत की खेल प्रतिभाओं को मजबूत कर रहा है और देश के वैश्विक खेल प्रदर्शन को बेहतर बना रहा है.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिखा असर
मनसुख मांडविया ने 2022 हांगझू एशियाई खेलों और पेरिस ओलंपिक्स में KIAs के प्रदर्शन का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया, हांगझू एशियाई खेलों में भारत के 644 खिलाड़ियों में से 124 खिलाड़ी KIAs थे. इन खिलाड़ियों ने 106 में से 42 पदक जीते, जिनमें 9 स्वर्ण पदक शामिल थे. पेरिस 2024 ओलंपिक्स में भारतीय टीम के 117 खिलाड़ियों में से 28 खेलो इंडिया एथलीट्स शामिल थे. यह योजना की सफलता और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेलों में भारत के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में KIAs की अहम भूमिका को दिखाता है.
ग्रामीण और पारंपरिक खेलों को बढ़ावा
मनसुख मांडविया ने आगे बताया कि खेलो इंडिया योजना के तहत ग्रामीण और पारंपरिक/जनजातीय खेलों को बढ़ावा देने के लिए एक खास प्रोग्राम है. इसके अंतर्गत मल्लखंब, कलारीपयट्टू, गतका, थांग-टा, योगासन और सिलंबम जैसे पारंपरिक खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है. खेलो इंडिया युवा और विश्वविद्यालय खेलों में इन पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है. इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, उपकरण सहायता, कोचों की नियुक्ति, कोचों की ट्रेनिंग और चुने गए खिलाड़ियों को स्कॉलरशिप के लिए अनुदान दिया गया हैं.