Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान श्री रामचंद्र जी आत्मवान और जितक्रोध है। आत्मवान अर्थात आत्मविश्वास से युक्त हैं। श्री राम जी के जीवन में आत्मविश्वास कभी डिगा नहीं। वे शक्ति संपन्न है किन्तु...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सद्गुणों की कथा- श्रीरामकथा सर्वप्रथम, एक बात स्मरण में रखें कि संसार में गुणी लोगों की निरंतर खोज होती है। जिनका जीवन गुणों से युक्त है, जिनके जीवन में...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सर्वप्रथम, एक बात स्मरण में रखें कि संसार में गुणी लोगों की निरंतर खोज होती है। जिनका जीवन गुणों से युक्त है, जिनके जीवन में गुणों की अधिकता है,...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सफलता का श्रेय तो सभी लेते हैं किन्तु विफलता का श्रेय कोई नहीं लेता। ' जो भी अच्छा हुआ वह मेरे कारण हुआ ' ऐसा कहने वाले अनेक लोग...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीमद्भागवत महापुराण में एक कथा आती है. भगवती मां गंगा ने स्वर्ग से धरती पर अवतरण करते समय भगीरथ से दो प्रश्न किए थे. 'भगीरथ, जब मेरा वेग अत्यन्त तीव्र...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा,श्रीबाल्मीकि रामायण समस्त श्रीराम कथाओं की गंगोत्री है। भगवती गंगा के अनेक प्रवाह हैं। अनेक शाखाएं हैं। तथापि सबका मूल स्थान जिस प्रकार गंगोत्री है, उसी प्रकार समस्त श्रीराम कथाओं का...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भागवत एक, रामायण अनेक- भागवत-कथा का वर्णन करना राम कथा के वर्णन की अपेक्षा सरल है। क्योंकि श्रीमद्भागवत की एक ही संहिता है। भगवान वेदव्यास का भागवत एक सरल...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीराम राज्याभिषेक का उत्सव केवल अयोध्या के लोगों के बीच ही रहा हो, ऐसा नहीं है अपितु सारी सृष्टि उत्सवमयी हो गयी है। वैदिकों का शुभागमन हुआ है। अयोध्या...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्री हनुमान जी का वास्तविक कर्तृत्व- श्री हनुमान जी द्वारा लंका दहन किया जाना हमें जितना आसान लगता है, उतना सहज और साधारण नहीं है। इसके पार्श्व में श्री...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्री भरत जी का चित्रकूट की ओर प्रस्थान- अयोध्या से श्री भरत जी की यह यात्रा चित्रकूट की ओर निकली है। इससे पूर्व श्री रामचरितमानस में वर्ण आया है ...