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बाहर की पूजा की अपेक्षा मानसिक पूजा सौ गुना अधिक देती है लाभ: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मानसिक पूजा- शिव-शंकर की मानसिक पूजा भी बहुत सुलभ है और बहुत अच्छी है। बाहर पूजा करते हो, तब ठीक है लेकिन यदि बाहर पूजन न कर सको तब...

भगवान शंकर को बहुत प्रिय है त्रयोदशी, अष्टमी, चतुर्दशी और शिवरात्रि: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जोतिस्वरूप है शिवलिंग- शिव तत्व का बोध सबको हो इस लिए ब्रह्मा विष्णु ने विवाद की लीला किया। जिसमें भगवान शिव ज्योतिरूप में प्रगट हुए। भगवान शंकर ने यह...

भावों से भरा हुआ ह्रदय ही होता है परमात्मा के निकट द्रवित: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, शान्ति- शान्ति ज्ञानी या विद्वान बनने से नहीं, भक्ति से सरोवोर होने से मिलती है। सत्य का त्याग करने वालों को शान्ति कहां से मिलेगी? भावों से भरा हुआ...

जिसका जीवन दिव्य होता है, वहीं मरने के बाद बनता है देवता: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, गृहस्थ-जीवन- जिसका जीवन दिव्य होता है, वहीं मरने के बाद देवता बनता है। जिसका जीवन सादा है, वही साधु है। हम सब तुच्छ नहीं हैं, हम सब तो शुद्ध...

प्रत्येक में प्रभु को देखने वाला हमेशा उनके सानिध्य का करता है अनुभव: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, प्रभु प्रेम उन्नत करता है, और काम अधःपतन करता है। प्रेम से किया हुआ प्रभु-स्मरण परमात्मा के पास पहुंचता है। मन को प्रभु प्रेम में डुबो दो, मन भर...

श्रवण भक्ति से धुल जाता है मन का मैल: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, कथा में श्रवण किए हुए को आचरण में उतरें तो ही उसकी सार्थकता है। श्रवण भक्ति से पाप जलते हैं, मन का मैल धुलता है और प्रभु का प्रेम...

मृत्यु जब अत्यन्त पास आ जाती है, तब मन भी हो जाता है बहरा गूंगा: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान हम सबके हैं, हम सब भगवान के दास हैं, भगवान के सेवक हैं, परमात्मा के अंश हैं-हम भक्तों को ऐसी भावना सतत रखना चाहिए और जीभ से सतत...

परमात्मा के सामने नहीं टिक सकता काल: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मानव के मन में हर समय एक ही भाव होना चाहिए, वह यह है कि देह रूपी धर्मशाला त्याग करके मेरे शाश्वत घर प्रभु चरण में मुझे पहुंचना है।...

परमात्मा को पाने की चाह मनुष्य के जीवन को कर देती है अलौकिक: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जिसे प्रभु मिलन की तीव्र चाह है, जिसे प्रभु दर्शन की तीव्र आतुरता है, उसे यदि प्रभु-दर्शन मिलने से पहले ही देहत्याग करना पड़े, तो भी उसकी मृत्यु मंगलमय...

हर समय, हर हालत में मन को प्रभु स्मरण में रखें लीन: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जीवात्मा को जीवन यात्रा में एक बात सर्वदा स्मरण रखनी चाहिए कि मृत्यु के समय उसे किसी से नहीं मिलना है, सिर्फ परमात्मा से ही मिलना है। जीवन काल...
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