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भगवान की आराधना उपासना में वस्तु से ज्यादा भाव का है महत्व: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भक्त सुदामा भगवान कृष्ण के मित्र थे, भगवान श्रीकृष्ण सुदामा जी के साथ उज्जैन संदीपनी मुनि के आश्रम पर विद्या अध्ययन किए थे। वहीं भगवान की सुदामा जी से...

दस पुत्र के समान होती है एक कन्या: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, राजा परीक्षित ने आचार्य श्रीशुकदेव जी से भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मिणी के विवाह से संबंधित प्रश्न किया. आचार्य श्रीशुकदेवजी ने कहा महाराष्ट्र में विदर्भ कुण्डिनपुर के राजा महाराज भीष्मक थे. महाराज...

तप से होती है इंद्रियों की शुद्धि: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, कालेन स्नानशौचाभ्यां संस्कारैस्तपसेज्या। शुध्यन्ति दानैः सन्तुष्ट्या द्रव्याण्यात्माऽऽत्मविद्यया।। समय पाकर भूमि की शुद्धि होती है. यह आवश्यक नहीं कि जो भूमि अपवित्र है, वह सदैव अपवित्र रहेगी. जिस भूमि पर...

निष्काम भक्ति से ईश्वर की होती है प्राप्ति: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान श्री कृष्ण का प्राकट्य मथुरा में हुआ. भगवान गोकुल पधारे, भगवान का उत्सव-महोत्सव नंद बाबा ने गोकुल में मनाया. आध्यात्मिक दृष्टि से मथुरा अर्थात् भक्त का हृदय. भजन...

संसार से विदाई के बाद भी लोग याद करते रहें, उसे कहते हैं यश: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, धर्माय यशसेऽर्थाय कामाय स्वजनाय च। पञ्चधा विभजन्वित्तमिहामुत्र च मोदते।। भगवान व्यास श्रीमद्भागवत महापुराण वामन अवतार के कथा प्रसंग में कहते हैं। अगर व्यक्ति इस लोक और परलोक दोनो जगह...

जब हम दूसरों के पाप का चिंतन करते हैं तो हमारा मन होता है मालिन: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, नाघं प्रजेश बालानां वर्णये नानुचिन्तये। देवमायाभिभूतानां दण्डस्तत्र धृतो मया।। जब किसी के अघ अर्थात पाप का मुक्त कंठ होकर हम किसी दूसरे के सामने वर्णन करते हैं तो उसके...

ज्ञान, भक्ति और वैराग्य से व्यक्ति का जीवन बनता है महान: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीशुकदेवजी के अवतरण से लेकर श्रीशुकदेवजी का राजा परीक्षित के सभा में आगमन का दर्शन करने से स्पष्ट हो जाता है कि श्रीशुकदेवजी के जीवन में भक्ति, ज्ञान और...

श्रीगिरिराजजी का दर्शन करने से प्रत्यक्ष भगवान के दर्शन का मिलता है फल: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, कई लोग प्रश्न करते हैं कि हम तो प्रत्यक्ष को ही प्रमाण मानते हैं। क्या आपने भगवान को देखा है? संत कहते हैं- श्री गिरिराज जी महाराज प्रत्यक्ष भगवान हैं।...

भगवान शंकर की पूजा उपासना में ध्यान का है विशेष महत्व: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान शिव के सिर पर गंगा जी विराजमान है। भगवती भागीरथी गंगा भक्ति स्वरूपा हैं। शिव भक्ति मार्ग के आचार्य हैं। भगवान शिव साक्षात भगवान है, लेकिन स्वयं अपने...

ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से क्षय रोग हो जाता है ठीक: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, द्वादश ज्योतिर्लिंग का दर्शन पूजन अथवा घर बैठे उनका स्मरण कर लेना, एकादश रुद्र और द्वादश ज्योतिर्लिंग का स्मरण विशेष फलदायी है. द्वादश ज्योतिर्लिंग - वर्ष में बारह मास...
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