Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, वेद में लिखा है, ईश्वर किसको मिलता है? ईश्वर जिसे मिलना चाहे उसी को ईश्वर मिलता है। ईश्वर जिसको मिलना चाहता है उसके अंदर भक्ति का अंकुर पैदा कर...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, रात्रि का पूर्ण अंधकार है, बेड़ियाँ, हथकड़ियां लगी हुई थीं। हाथ को हाथ दिखाई नहीं दे रहा था। महरानी श्रीदेवकीजी श्रीवसुदेवजी से कहती हैं, हमें भी कभी इन बेड़ियों,...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, गृहस्थ जीवन में तो कोई-न-कोई तनाव बना ही रहता है। गृहस्थ जीवन ऊंट की पीठ के समान है और भगवान का भजन इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक की...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीकृष्ण बिरह-व्यथित पांडवों का परीक्षित को राज्य देकर स्वर्ग सिधारना। भागवत में प्रसंग आया है कि- जब अर्जुन द्वारिका से लौट कर आये और आकर सुनाया की मैं वही...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, दुनियां में ऐसा कोई पापी नहीं जो भागवत की कथा सुनकर तर न जाये। पांच महापापी बतलाये गये हैं भागवत में। जो गोहत्या करता है, ब्राह्मण की हत्या करने...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भक्ति जब आपके जीवन में आयेगी, तब ईश्वर का अनुभव होने लगेगा और संसार से आपकी विरक्ति हो जायेगी। जैसे भोजन करो तो तुष्टि, पुष्टि और भूख की निवृत्ति...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, ईश्वर देख रहा है जीव को और जीव देख रहा है जगत को। ईश्वर खाता नहीं और जीव अपने कर्म फलों को खा रहा है और अपने कर्मों के...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, कीड़ी के पग घुंघरू बाजे। वो भी साहिब सुनता रे।।कीड़ी के पग घुंघरू, कितना छोटा होगा, उसकी आवाज भी परमात्मा को सुनाई देती है। वे अंतर्यामी कहलाते हैं। बस...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जिसका मन संसार में लगा हुआ है, ऐसा व्यक्ति निराकार ब्रह्म का ध्यान नहीं कर सकता। निराकार का ध्यान उनसे होता है जिनका चित्त संसार के विषयों से एकदम...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, आप ध्यान करते समय अकेले रहते हो या ध्यान करते समय भी घर का चिंतन होता रहता है। अगर ध्यान, भजन, नाम जपते समय भी घर का चिंतन हो...