Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, बृजवासी गोप गोपियां वस्त्र सन्यासी नहीं बल्कि भक्ति सन्यासी थे। उनका हृदय हरिमय था। वह यदि घर का काम करते थे तो भी श्रीराधाकृष्ण स्मरण में डूब कर करते,...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, प्रभु के चरणों में जो हमेशा सद्भाव रखता है, प्रभु के प्रत्येक विधान को जो आनंद के भाव से स्वीकार करता है, वह प्रभु का ही बन जाता है...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भागवत महामहोत्सव- सभी की सेवा के द्वारा जो आनंद प्राप्त करता है, वही सभी के आशीर्वाद प्राप्त करने का अधिकारी है. सभी का आशीर्वाद प्राप्त करना बहुत मुश्किल है. सभी...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मिष्ठान्न और चाय- प्रत्येक वस्तु प्रभु को अर्पण कर दो और बाद में प्रभु की प्रसादी के रूप में ग्रहण करो। तुम्हारी इंद्रियों की शक्तियां सांसारिक विषयों में प्रवाहित...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, नन्द-यशोदा- मधुर वाणी, विनय, सरलता, स्नेह, सद्भाव और सेवा द्वारा जो सबको आनंद प्रदान करे उसका नाम नन्द है। जो स्वयं मेहनत करे और यश दूसरों को दे, उसका...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सावधानी पूर्वक जीवन जीना, पूरा जीवन ही भगवान की भक्ति बन जाता है. बड़े-बड़े संतों और भक्तों ने कबीर, रैदास आदि ने व्यापार करते-करते ही प्रभु की प्राप्ति कर...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीमद्भागवतमहापुराण वेद रूपी कल्पवृक्ष का पका हुआ फल है। जिसमें गुठली, छिलका जैसा कुछ त्याज्य नहीं है, केवल रस ही रस है। अतः भक्तों को यह रस जीवन भर...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मनु और शतरूपा ने जब अपनी पुत्री देवहूति का हाथ कर्दम ऋषि के हाथ में देने की इच्छा प्रकट की तो कर्दम ने कहा, मैं संसार और संसार के सुख...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, कैकेयी ने जब राम से वन में जाने के लिए कहा तो प्रभु श्री राम ने केवल इतना ही कहा, " मां, तुमने तो मेरे मन की बात कही। मेरा...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान शिव की अद्भुत बरात का वर्णन है, ऐसी बारात सृष्टि के इतिहास में कभी नहीं निकली. शिव बारात में समस्त देवता शामिल थे, दानव, मानव, भूत, पिशाच, शाकिनी,...