Divya morari bapu

माता-पिता को कष्ट देकर प्रभु की कृपा नहीं की जा सकती है प्राप्त: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, दुर्लभ मानव देह- प्रभु पदार्थ से नहीं, प्रणाम से प्रसन्न होते हैं। मानव देह क्षणभंगुर है। यह पानी के बुदबुदे के समान पैदा होता है और फूट जाता है। फिर...

प्रभु के साथ स्थापित किया हुआ सम्बन्ध संसार के बंधन से करेगा मुक्त: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, ।।प्रभु के साथ प्रेम।। सांसारिक सम्बन्ध तो खूब रखे, अब परमात्मा के साथ भक्ति- सम्बन्ध स्थापित करो। प्रभु के साथ स्थापित किया हुआ सम्बन्ध संसार के बंधन से मुक्त करेगा...

भक्ति में मग्न हो जाने पर ही मिलती है शांति: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, आंख मन और जीवन- ज्ञानी या विद्वान बनने से शांति प्राप्त नहीं होती. वह तो भक्ति में मग्न हो जाने पर ही मिलती है. जिसकी आंख बिगड़ती है, उसका सब...

भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप है श्रीमद्भागवत महापुराण: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीमद्भागवत महापुराण भगवान श्री कृष्ण का ही स्वरूप है. भागवत में और भगवान में रंच मात्र भी अंतर नहीं है. भगवान की शब्दमयी मूर्ति भागवत महापुराण है. भागवत भगवान की...

सत्कर्म के पीछे अत्यंत सद्भाव होगा, तभी सफलता होगी प्राप्त: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सत्कर्म सद्भाव से करोगे तभी शांति प्राप्त कर सकोगे. किसी के प्रति बुरे भाव रखकर किया गया सत्कर्म, सत्कर्म न रहकर दुष्कर्म बन जाता है. सत्कर्म के पीछे अत्यंत सद्भाव...

सुवर्ण पर नजर रखने वाला आदमी होता है लोभी: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सांसारिक कार्य करते समय हम भगवान को न भूल जाएं- इस बात का हमेशा ख्याल रखें।हिरण्याक्ष का अर्थ है- सुवर्ण पर नजर रखने वाला लोभी आदमी। आंखों में प्रेम रखो,...

प्रभु-दर्शन से प्राप्त होती है शांति: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, कर्मभूमि- जिसके सिर पर भगवान के बजाय अभिमान बैठा है वह बहुत ही दुःखी होता है। धन, वैभव या अधिकार से शांति प्राप्त नहीं होती। वह तो स्नेह, संतोष और...

विवेक और संयम से शान्त होती है वासना: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मन को प्रभु-प्रेम से आप्लावित कर दो। मन मर जायेगा, जीवन तर जायेगा। वासना को चाहे जितने भोग प्रदान करो, वह तो कभी भी तृप्त नहीं होती। भोगों को हम...

मन की मृत्यु ही है मोक्ष: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, ।।मंत्र और यंत्र।। मन की मृत्यु ही मोक्ष है. मन पानी के समान है, जिस प्रकार पानी हमेशा नीचे की और बहना पसन्द करता है, इस तरह मन भी संसार...

स्वयं भगवान के श्री मुख से निःसृत ग्रंथ है श्रीमद्भागवत: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीमद्भागवत भगवान का वांगमय स्वरूप है. श्रीमद्भागवत स्वयं भगवान के श्री मुख से निःसृत ग्रंथ है. इतिहास पुराणानां पंचमो वेदाः श्रीमद्भागवत महापुराण पंचम वेद है. श्रीमद्भागवत महापुराण में समस्त वेदों...
- Advertisement -spot_img

Latest News

18 April 2025 Ka Panchang: शुक्रवार का पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

18 April 2025 Ka Panchang: हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त देखा...
- Advertisement -spot_img