Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, बचपन में ही जीवन का गठन होना प्रारम्भ होता है। उस समय सत्संग के अभिसिंचन की आवश्यकता है। सच्चे सन्त के दर्शन ही दुर्लभ हैं, फिर उनकी सेवा तो...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, काजल का डिठौना- माँ अपने बालक को जब घर से बाहर लेकर निकलती है, तो अपने अंतर की प्रसन्नता को व्यक्त करते हुए वह उसका खूब श्रृंगार करती है. किन्तु...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, प्रभु से मिलने की तीव्र आतुरता जिसके अंतर में पैदा होती है, वही गोपी है. गोपी भाव की पराकाष्ठा में नाम और रूप सम्पूर्ण रूप से विस्मृत हो जाता है....
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, प्रभाते करदर्शनम- प्रभाते करदर्शनम् 'के पीछे अपनी संस्कृति की कितनी भव्य भावना समाई है! भारतीय संस्कृति कहती है: हे मानव नित्य सवेरे ब्रह्ममुहूर्त में उठकर ध्यान चाहे परमात्मा का करो,...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मन की तंदुरुस्ती- शरीर की तंदुरुस्ती के लिए हम जितनी सावधानी रखते हैं उतनी मन की तंदुरुस्ती के लिए भी रखें। दूसरा सब कुछ भले ही बिगड़े, पर मन...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, प्रभु-प्रेम- प्रभु-प्रेम के बिना ज्ञान शोभा नहीं देता. ब्रह्मज्ञानी को ब्रह्म प्रेमी बनना पड़ता है. जहां कथा-कीर्तन आदि होते हैं, वहां प्रभु गुप्त रूप से आते हैं, क्योंकि प्रभु...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, दोष-दृष्टि- कई लोगों को संतों में दोष दिखाई देते हैं। इतना ही नहीं, कुछ लोग तो भगवान में भी बुराइयां ढूंढने की नजर रखते हैं। मनुष्य के मन में...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मन के पाप- मनुष्य अपने शरीर से उतने पाप नहीं करता है, जितने पाप अपने मन से करता है. तन से किए गए पापों के पकड़े जाने का डर रहता...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, तीर्थयात्रा- हृदय को भक्ति रस में डुबोकर ही तीर्थयात्रा करो. तीर्थों में मौज शौक करने या निंदा करने के लिए नहीं जाना है और न ही घूमने फिरने की भावना...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मन को समझाओ- मन यदि भटकता हो तो उसे फटकारते रहो। वैसे मन है भी बहुत डरपोक। एक बार डरा दोगे तो फिर कभी पाप नहीं करेगा। मन को...