Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, शरीर को सुंदर बनाना अलग बात है, पर आत्मा को सुंदर बनाना अति उत्तम बात है। आत्मा सत्संग भजन से ही सुंदर बनती है। जैसे लोग कहते हैं कमाना जरुरी...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, शवहस्तेन भोजनम्- श्रीमद्भागवत महापुराण में लिखा है कि धुंधकारी मुर्दे के हाथ से भोजन करता था. जिस हाथ से सूर्य को जल नहीं चढ़ता, शिव का अभिषेक नहीं होता, भगवान...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, एकज्जोति दिधाभूत राधामाधव रूपकं।। एक ही ज्योत दो रूपों में प्रकट हो जाती है जिनका हम भगवान राधा-कृष्ण के रूप में दर्शन करते हैं। नाम संकीर्तनं यस्य- जिन भगवान के...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, शिशुपाल रुक्मी का मित्र था, इसलिए रुक्मी का आकर्षण शिशुपाल की तरफ था।श्रीरुक्मणि देवी का आकर्षण भगवान की तरफ था, करण बचपन से उन्होंने देवर्षि नारद जी से भगवान की...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, पापी व्यक्ति से भगवान घृणा नहीं करते, पापी से पापी व्यक्ति भी भगवान की शरण में चला जाये, भगवान उसका कल्याण करते हैं. लेकिन, अभिमानी व्यक्ति प्रभु को अच्छा नहीं...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान श्री कृष्ण का प्राकट्य वसुदेव देवकी के सामने हुआ। ऐसा लगा कि एक साथ करोड़ों सूर्य का उदय हो गया। ऐसा दिव्य प्रकाश हो रहा था, श्रीमद्भागवत महापुराण में...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, पुण्य से स्वर्ग मिलता है, बहुत पाप से नरक मिलता है, मिश्रित कर्म से मानव जीवन और मृत्यु लोक की प्राप्ति होती है। राजा बलि ने अपने गुरु शुक्राचार्य की...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, विदुर चरित- भगवान श्री कृष्ण का शांति दूत बनकर हस्तिनापुर पधारना, दुर्योधन ने भगवान से कहा तेरह वर्षों में हमने बहुत शक्ति अर्जित किया है, पांडव हमारा सामना नहीं कर...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान सच्चिदानंद है। सूर्य, चंद्र, तारामंडल अनेकों बार बना और मिटा, लेकिन परमात्मा कभी नहीं मिटते, इसलिए परमात्मा को सत कहते हैं। संसार इस चेतन से चल रहा है जैसे-...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीमद्भागवत महापुराण के माहात्म्य में चार मंत्रों में अमृत की चर्चा की गई है। जिस अमृत के लिए देवासुर संग्राम हुआ, बहुत वीरों का संहार हो गया, कितना भयानक युद्ध...