Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, गोवर्धन पूजा (अन्नकूट)- ब्रजवासी लोग दीपावली के दूसरे दिन भगवान इन्द्र का पूजन करते थे। इन्द्र भगवान को अभिमान हो गया और वे स्वयं को ईश्वर मानने लगे। पूजा...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, दीपावली- राजा बलि ने सबको अपने अधीन कर लिया था। भगवान विष्णु ने अदिति माता के यहां वामन रूप में अवतार लेकर राजा बलि के यज्ञ में पधारे, बहुत...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, कार्तिकमास, कृष्णपक्ष, चतुर्दशी तिथि को अनेक नामों से जाना जाता है, साधना पक्ष में इस तिथि का बहुत महत्व है। तंत्र साधना करने वाले इस स्थिति पर अनेक प्रकार की...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्री धनतेरस महापर्व भगवान श्रीधनवंतरिजी का पूजन- भगवान विष्णु के चौबीस अवतारों में एक धनवंतरि अवतार हुआ। भगवान श्रीधनवंतरि आयुर्वेद के संस्थापक हैं। समुद्र मंथन के समय कार्तिक कृष्णपक्ष त्रयोदशी...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान श्री रामचंद्र जी आत्मवान और जितक्रोध है। आत्मवान अर्थात आत्मविश्वास से युक्त हैं। श्री राम जी के जीवन में आत्मविश्वास कभी डिगा नहीं। वे शक्ति संपन्न है किन्तु...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सद्गुणों की कथा- श्रीरामकथा सर्वप्रथम, एक बात स्मरण में रखें कि संसार में गुणी लोगों की निरंतर खोज होती है। जिनका जीवन गुणों से युक्त है, जिनके जीवन में...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सर्वप्रथम, एक बात स्मरण में रखें कि संसार में गुणी लोगों की निरंतर खोज होती है। जिनका जीवन गुणों से युक्त है, जिनके जीवन में गुणों की अधिकता है,...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सफलता का श्रेय तो सभी लेते हैं किन्तु विफलता का श्रेय कोई नहीं लेता। ' जो भी अच्छा हुआ वह मेरे कारण हुआ ' ऐसा कहने वाले अनेक लोग...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीमद्भागवत महापुराण में एक कथा आती है. भगवती मां गंगा ने स्वर्ग से धरती पर अवतरण करते समय भगीरथ से दो प्रश्न किए थे. 'भगीरथ, जब मेरा वेग अत्यन्त तीव्र...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा,श्रीबाल्मीकि रामायण समस्त श्रीराम कथाओं की गंगोत्री है। भगवती गंगा के अनेक प्रवाह हैं। अनेक शाखाएं हैं। तथापि सबका मूल स्थान जिस प्रकार गंगोत्री है, उसी प्रकार समस्त श्रीराम कथाओं का...