Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, बेचारे पशु अज्ञानी हैं। जन्म के तीन साल बाद तो वह अपनी मां को भी भूल जाते हैं। फिर प्रभु को याद करके जीवन की सार्थकता कहां से प्राप्त कर...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जीव का स्वभाव ठीक नहीं है। इसीलिए वह प्रकृति का गुलाम होकर घूमता है। जहां गुलामी है, वहीं परेशानी है। प्रकृति का गुलाम बना हुआ जीव खुद तो दुःख...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीकृष्ण की कथा में श्रीशुकदेवजी जैसे महायोगी और राजा परीक्षित जैसे महाराजा को एक समान आनंद मिलता रहा। इसका कारण यह है कि- श्रीकृष्ण महायोगी भी हैं और महाराजा...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जब जरासंध पीछे पड़ा तो श्रीकृष्ण प्रवर्षण पर्वत पर चले गये। इससे जरासन्ध उनका कुछ भी बिगाड़ न सका। जरासन्ध अर्थात् वृद्धावस्था। वृद्धावस्था पीछे पड़े तो आप भी सात्विक...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, कुछ मनुष्य घर की स्थिति अच्छी होने तथा अच्छे प्रमाण में पैन्शन मिलने पर भी दूसरी नौकरी ढूंढते हैं, यह अच्छी बात नहीं है। पैन्शन होने पर तो प्रभु...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, दो-चार दिनों के लिए यदि हमें अचानक बाहर गांव जाना पड़े तो भी मार्ग के कष्टों से बचने के लिए हम पहले से तैयारी कर लेते हैं। किंतु जीवन...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मनुष्य के मरने के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए घर के व्यक्ति भागवत सप्ताह का पारायण कराते हैं। घर के इन व्यक्तियों की भावना तो अच्छी है,...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, अस्ति और प्राप्ति के पिता जरासंध का नाश काल ने किया जबकि कृष्ण को वह जरा भी आँच नहीं पहुंचा सका। संग्रह और परिग्रह की प्रवृत्ति में रचे-पचे रहकर...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सद्भाव से युक्त सेवा करके घर के लोगों को प्रसन्न रखो, किंतु घर में आसक्त मत रहो. घर के सभी कार्य करते हुए भी चित्त को प्रभु के चरणों में...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, दूसरों से मानपत्र प्राप्त करने की आकांक्षा मत रखो, क्योंकि यह दुनियां स्वार्थों से भरी हुई है, अतः सत्य नहीं है और आज मानपत्र प्रदान करने वाले शायद कल...