Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीविष्णुमहापुराण परम सात्विक पुराण है और इस पुराण में तत्वों का निरूपण किया गया है. ईश्वर जीव और माया इन तीन तत्वों का निरूपण पाराशर महर्षि ने बड़े सरल ढंग...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्री विष्णु महापुराण की क्या विशेषता है?
(क) श्रीविष्णु महापुराण अठारह पुराणों में परम सात्विक पुराण है। अठारह पुराण हैं वे तीन प्रकार के हैं। छःसात्विक, छः राजस, छःतामस हैं. सतोगुण,...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, विदुर जी ने पूँछा कृष्ण कथा के विषय में - और जहां उद्धव जी ने कथा सुनाई, उस जगह का नाम वृंदावन में ज्ञान गुदड़ी है। दो संत ज्ञान गुदड़ी...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भागवत में तीन शब्द है- तेजो, वारि, मृदां,। भगवान तीन रूपों में ही मिले। अठारह हजार श्लोकों वाली इस भागवत में भगवान तीन तरह से मिले।
1-तेजो÷ अपने साधना के तेज...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, शरीर को सुंदर बनाना अलग बात है, पर आत्मा को सुंदर बनाना अति उत्तम बात है। आत्मा सत्संग भजन से ही सुंदर बनती है। जैसे लोग कहते हैं कमाना जरुरी...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, शवहस्तेन भोजनम्- श्रीमद्भागवत महापुराण में लिखा है कि धुंधकारी मुर्दे के हाथ से भोजन करता था. जिस हाथ से सूर्य को जल नहीं चढ़ता, शिव का अभिषेक नहीं होता, भगवान...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, एकज्जोति दिधाभूत राधामाधव रूपकं।। एक ही ज्योत दो रूपों में प्रकट हो जाती है जिनका हम भगवान राधा-कृष्ण के रूप में दर्शन करते हैं। नाम संकीर्तनं यस्य- जिन भगवान के...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, शिशुपाल रुक्मी का मित्र था, इसलिए रुक्मी का आकर्षण शिशुपाल की तरफ था।श्रीरुक्मणि देवी का आकर्षण भगवान की तरफ था, करण बचपन से उन्होंने देवर्षि नारद जी से भगवान की...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, पापी व्यक्ति से भगवान घृणा नहीं करते, पापी से पापी व्यक्ति भी भगवान की शरण में चला जाये, भगवान उसका कल्याण करते हैं. लेकिन, अभिमानी व्यक्ति प्रभु को अच्छा नहीं...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान श्री कृष्ण का प्राकट्य वसुदेव देवकी के सामने हुआ। ऐसा लगा कि एक साथ करोड़ों सूर्य का उदय हो गया। ऐसा दिव्य प्रकाश हो रहा था, श्रीमद्भागवत महापुराण में...