CERT-In Warning: अगर आप भी गूगल क्रोम इंटरनेट ब्राउजर इस्तेमाल करते हैं तो आपको सावधान होने ही जरूरत है, क्योंकि भारत सरकार से जुड़ी एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम द्वारा गूगल क्रोम इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए बड़ी चेतावनी जारी की गई है. खासकर जो विंडो या फिर MacOS पर ब्राउजर यूजर्स को.
CERT-In (भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम) ने अपने बुलेटिन में बताया है कि वो कौन से डिवाइसेज इस्तेमाल कर रहे गूगल क्रोम यूजर्स को सावधान रहने की जरूरत है और इसकी क्या वजह है. दरअसल उन्होंने अपने एक रिपोर्ट में बताया है कि गूगल क्रोम में कई खामियां एक्सटेंशन API को गलत तरह से लागू करने और फ्री इन Skia, V8 इस्तेमाल करने के चलते सामने आई हैं, जिसका फायदा अटैकर्स और स्कैमर्स को मिल सकता है.
रिमोट अटैक के जरिए बनाया जा सकता है निशाना
इस लोकप्रिय ब्राउजर में मौजूदा खामियों का पता ब्राउजर के सबसे जरूरी कंपोनेंट्स में लगा है, और यही वजह है कि यूजर्स को इनके चलते नकुसान हो सकता है. एजेंसी का कहना है कि मौजदा खामियों के चलते कोई रिमोट अटैक दूर से ही यूजर्स को शिकार बना सकता है और ऐसा करने के लिए उसे डिवाइस के फिजिकल एक्सेस की जरूरत भी नहीं होगी.
खाली हो सकता है आपका अकाउंट
वहीं, यदि आसान भाषा में कहें तो बिना आपके डिवाइस को हाथ लगाए एक खास तरह से डिजाइन किए गए वेबपेज के जरिए उसमें सेंध लगाई जा सकती है, जिससके बाद आपका पर्सनल डाटा चोरी करने से लेकर पहचान चुराने और अन्य स्कैम्स करते हुए अकाउंट खाली करने जैसे काम भी किए जा सकते हैं.
क्रोम ब्राउजर को तुरंत करें अपडेट
वैसे तो ब्राउजर अपनेआप लेटेस्ट वर्जन पर अपडेट हो जाता है, लेकिन यदि आपने अब तक क्रोम को अपडेट नहीं किया है, तो तुरंत कर लें. वहीं, यदि आपके ब्राउजर को अपडेट नहीं मिला तो आपको फिक्स का इंतजार करना होगा. Linux पर 133.0.6943.53 से पुराने क्रोम वर्जन और विंडो या Mac पर 133.0.6943.53/54 से पुराने क्रोम वर्जन रिस्क की कैटेगरी में आते हैं.
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