बढ़ते प्रदूषण के बीच राजधानी में बढ़ी एयर प्यूरीफायर की मांग, जानिए कैसे करता है काम

Abhinav Tripathi
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Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Air Purifier Demand Increased: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का कहर है. राजधानी में धुंध ही धुंध है. जहरीली हवाओं के कारण सांस के मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आज सुबह राजधानी में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति को भी पार कर गया. वायु गुणवक्ता सुचकांक 500 के पार है. राजधानी के कई हिस्सों में ये 600 को भी पार कर गया है. जो बेहद खतरनाक स्थिति है.

राजधानी में आज दिन में भी अंधेरा छाया हुआ है. बदलते मौसम और बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. तापमान में गिरावट और हवा की गति धीमी होने के कारण आम लोगों की आंखों में जलन, खुजली, गले की एलर्जी, सिरदर्द और सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के कारण एयर प्यूरीफायर की डिमांड बढ़ गई है. बाजार से लेकर ऑनलाइन मार्केट तक एयर प्यूरीफायर की मांग बढ़ी है.

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एयर प्यूरीफायर की बढ़ी मांग
जानकारी दें कि पहले एयर प्यूरीफायर को केवल लग्जरी प्रोडक्ट के तौर पर देखा जाता था. हालांकि अब ये राजधानी वासियों के लिए जरुरत का सामान बन गया है. यही वजह है कि लोग घरों से लेकर ऑफिस तक एयर प्यूरीफायर लगा रहे हैं. प्रदूषण के स्तर में बढ़ोत्तरी के साथ ही एयर प्यूरीफायर की डिमांड बढ़ी है, जिस वजह से इसके दाम में इजाफा देखा गया है. आम दुकानों से लेकर ऑनलाइन माध्यम तक इसके दामों में वृद्धि देखी गयी है. हालांकि इस प्रदूषण के बीच एयर प्यूरीफायर कितना कारगर साबित होगा ये देखने वाली बात होगी.

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कैसे काम करता है एयर प्यूरीफायर?
जैसे ही प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, एयर प्यूरीफायर की मांग बढ़ जाती है. ऐसे में लोग इसके बारे में जानना चाहते हैं. ये एयर प्यूरीफायर काम कैसे करता है. दरअसल, एयरप्यूरीफायर एक क्लोज्ड सिस्टम के तौर पर काम करता है. यह बाहरी वायु को सोखने के लिए पंखे का प्रयोग करता है. इसके बाद हवा को फिल्टर करने के लिए प्रोसेस करता है. इस प्रक्रिया के दैरान हवा कई परतों से होकर गुजरती है. एयर प्यूरीफायर की ये परतें कागज, फाइबरग्लास और जाली से बनी होती हैं.

आपको बता दें कि अगर एयरप्यूरीफायरल अच्छी क्वालिटी का होता है तो उसके भीतर कई परते होती हैं. इसका मतलब होता है, जितना ज्यादा फिल्टर उतना बेहतर हवा निकलने की गारंटी. वहीं, लगातार एयर प्यूरीफायर के चलने से वह गंदा हो जाता है, इस वजह से समय समय पर इसकी सफाई भी की जानी चाहिए.

कैसे पता करें कि प्यूरीफायर काम कर रहा या नहीं?
जब भी आप एयरप्यूरीफायर की खरीददारी कर रहे ये पता लगा मुश्किल है ये कि सही से काम कर रहा है या नहीं. दरअसल, हवा को साफ करने के लिए डिवाइस मैकेनिकल फिल्टरेसन पर निर्भर होता है. वहीं, क्लिन एयर डिलिवरी रेट से इस बात का पता चलता है कि जो हवा आपको प्यूरीफायर से मिल रही वो कितनी स्वच्छ है. दरअसल, सीएडीआर इस बात की भी जानकारी देता है कि आपके रूम की एयर क्वालिटी कैसी है. वहीं, एयर क्लीनर सीएडीआर कमरे के क्षेत्र के कम से कम दो-तिहाई के बराबर होना चाहिए.

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