Gajraj Suraksha: अब ट्रेन से नहीं टकराएंगे हाथी, AI बेस्‍ड ‘गजराज’ करेगा सुरक्षा

Gajraj Suraksha: अब रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से हाथियों की टक्‍कर नहीं होगी. जी हां, भारतीय रेलवे ने हाथियों की वजह से होने वाले ट्रेन हादसे और उनकी मौत को रोकने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है.

रेलवे ने आर्टिफिशियल (AI) बेस्‍ड सॉफ्टवेयर गजराज सुरक्षा कवच पेश किया है जो पूरी तरह से स्वदेशी है. यह कवच (Gajraj Suraksha) रेलवे ट्रैक पर हाथियों की गतिविधि के बारे में ट्रेन के चालक को पहले ही अवगत करा देता है, जिससे ट्रेन की चपेट में हाथियों को आने से रोका जा सकता है.

हर साल औसतन 20 हाथियों की मौत

गौरतलब है कि भारतीय रेल के कई ट्रैक ऐसी जगह से गुजरते हैं, जहां हाथियों की आबादी बहुत ज्यादा है. अक्सर हाथी रेलवे ट्रैक पर आ जाते हैं. ट्रेन की चपेट में आने से उनकी मौत हो जाती है.सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, हर साल ट्रेन की चपेट में आकर औसतन 20 हाथियों की मौत हो जाती है. एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 वर्ष में रेल हादसे में करीब 200 हाथियों की मौत हो गई है. ऐसे में गजराज सुरक्षा कवच हाथियों की सुरक्षा में अहम किरदार निभाएगा. 

Gajraj Suraksha: क्या है गजराज तकनीक?  

रेल मंत्री ने बताया कि ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच के साथ ही वन क्षेत्रों में हाथियों को ट्रेन के चपेट में आने से बचाने के लिए एक नयी तकनीक का आविष्‍कार किया गया है. इसकी शुरुआत असम, ओडिशा, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु एवं उत्तराखंड में 700 किलोमीटर से अधिक रेलमार्ग पर जल्‍द होगी.

उन्होंने बताया कि यह टेक्निक ओएफसी लाइन में सेंसर के सहारे काम करेगी, जो 200 मीटर दूर से हाथियों की पदचाप की तरंगों को पहचान करके लोकोपायलट को अलार्म देगी. गजराज सुरक्षा कवच को लेकर 99.5 प्रतिशत की पहचान दर का दावा किया गया है.  

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