Meta Project: दिग्गज बिजनेसमैन मार्क जुकरबर्ग की कंपनी Meta ने भारत और अमेरिका के बीच सीधी कनेक्टिविटी की बड़ी तैयारी की है. मेटा के इस प्रोजेक्ट में मल्टी-बिलियन डॉलर का खर्चा होगा. वहीं इस प्रोजेक्ट के पूरा होने में कई साल लगने की उम्मीद है. मेटा भारत और अमेरिका के बीच सीधी कनेक्टिविटी के लिए समुद्र के अंदर केबल बिछाने की प्लानिंग कर रहा है. कंपनी ने यह फैसल बीते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच हुए मुलाकात के बाद किया है.
ग्लोबल डिजिटल हाईवे बनेगा
Meta अपने इस प्रोजेक्ट के माध्यम से एक ग्लोबल डिजिटल हाईवे बनाएगा, जिसकी मदद से एक देश से दूसरे देश के बीच सीधी कनेक्टिविटी स्थापित हो सकेगी. इस प्रोजेक्ट के तहत करीब 50 हजार किलोमीटर लंबी केबल बिछाई जाएगी. यह प्रोजेक्ट हिन्द महासागर के पास बसे देशों को सुगम कनेक्टिविटी पहुंचाने का काम करेगा. कंपनी ने अपने बयान में कहा कि भारत का इरादा विश्वसनीय वेंडर्स का इस्तेमाल करके हिंद महासागर में समुद्र के नीचे केबलों के रखरखाव, मरम्मत और वित्तपोषण में निवेश करने का है.
दुनिया का बड़ा बाजार भारत
भारत दुनिया का एक बड़ा बाजार है, जिसकी वजह से Meta यहां बड़ा निवेश करने वाला है. यह अंडर सी केबल प्रोजेक्ट भारत और अमेरिका के बीच टेक्नोलॉजी को एडवांस बनाएगा. मेटा के प्रवक्ता ने कहा कि यह मल्टी-बिलियन डॉलर निवेश हिन्द महासागर के क्षेत्र में 50,000 किमी का डिजिटल हाईवे बनाने के लिए है, ताकि पांचों महादेश को एक साथ कनेक्ट किया जा सके.
सुपरफास्ट डेटा ट्रांसफर
कंपनी का कहना है कि भारत में डिजिटल सर्विस की बढ़ती डिमांड के कारण आर्थिक ग्रोथ की बड़ी संभावना है. भारत में प्रौद्योगिकी नवाचार के लिए यह बहुत मदद कर सकता है. अंडर-सी केबल दो देशों के बीच सीधी कनेक्टिविटी स्थापित करेगा, जो सुपरफास्ट डेटा ट्रांसफर करने में मदद करेगा. बता दें कि मेटा के लिए भी भारत एक बड़ा बाजार है. यहां मेटा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स- वाट्सऐप, फेसबुक और इंस्टाग्राम के करोड़ों यूजर्स हैं. मार्क जुकरबर्ग भारत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर बनाने के लिए निवेश करेंगे, ताकि भविष्य में कंपनी को इसका फायदा मिल सके.