Kaam Ki Baat: कहीं आपके फोन में वायरस तो नहीं? बिना पैसे खर्च किए ऐसे लगाएं पता

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Kaam Ki Baat: आज के समय में स्मार्टफोन में मैलवेयर या वायरस का आना आम बात हो गया है. वायरस एक प्रकार का मैलवेयर होता हैं, जो खुद को एक नया रूप देने में माहिर होता हैं. हैकर्स मैलवेयर की मदद से आपके पूरे सिस्टम का डाटा चुरा सकते हैं. इसके जरिए हैकर्स अगर चाहे तो आपके सिस्टम पर कब्जा भी कर सकते हैं और सात समंदर दूर बैठकर भी आपके सिस्ट म या फोन को ऑपरेट कर सकते हैं. आज के इस लेख में हम आपको वायरस या मैलवेयर को डिटेक्ट करने का तरीका बताएंगे. चलिए बिना देर किए जानते है…

फोन में कैसे पहुंचते हैं वायरस?
• अनजान लिंक्स पर क्लिक करने के बाद आपके फोन में वायरस आता है.
• आपके फोन में मेल, व्हाट्सएप या मैसेज के माध्य म से इस तरह के लिंक भेजे जाते हैं.
• जब आप इन लिंक्स पर क्लिक करते हैं तो एक साइट ओपन होती है और आपके फोन में वायरस पहुंचते हैं.
• अनजान या संदिग्ध साइट पर विजिट करने से भी आपके फोन में वायरस आ सकते हैं.
• गूगल प्ले-स्टोर या एपल एप स्टोर के अलावा किसी अन्य स्टोर से एप डाउनलोड करने पर भी आपके फोन में वायरस पहुंचते हैं.
• पब्लिक प्लेस जैसे- होटल, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड के वाई-फाई से अपने फोन को कनेक्ट करने पर भी फोन में वायरस पहुंचते हैं.

फोन में वायरस होने की पहचान क्या है?
• अगर आपके फोन में वायरस या मैलवेयर है, तो Google भी आपको इसके लिए अलर्ट भेजता है.
• इसके अलावा कई बार फोन में ऐसी जगह पर पॉपअप नोटिफिकेशन देखने को मिलते हैं, जहां उन्हें होना ही नहीं चाहिए.
• फोन का अचानक से स्लो हो जाना भी वायरस होने की निशानी है.
• अचानक से फोन का स्टोरेज फुल हो जाना भी मैलवेयर की पहचान है.
• आपके फोन का ब्राउजर बार-बार किसी अश्लील या अनजान साइट पर आपको री-डायरेक्ट कर रहा हो.
• आपकी फैमिली के लोगों को ऐसे मैसेज मिलने लगते हैं, जिन्हें आपने भेजा ही नहीं है.

मैलवेयर अटैक से अपने एंड्रॉयड फोन को कैसे बचाएं?
• किसी अनजान सोर्स से कभी भी कोई एप डाउनलोड ना करें.
• किसी भी एप को डाउनलोड करने से पहले उसके रिव्यूज को पढ़ें और समझें कि यह एप आपके डाटा का इस्तेमाल किस तरीके से करने वाला है.
• अपने फोन और एप में मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें.
• भूलकर भी एक ही पासवर्ड का इस्तेमाल सभी अकाउंट के लिए ना करें.
• अपने फोन की कैशे मेमोरी को समय-समय पर डिलीट करें.
• ब्राउजिंग हिस्ट्री को चेक करते रहें और यदि कोई ऐसी साइट की हिस्ट्री दिख रही है, जिसके बारे में आप नहीं जानते हैं तो अलर्ट हो जाएं.

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