पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा: भारतीय कूटनीति में एक मील का पत्थर

Upendrra Rai
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Chairman & Managing Director, Editor-in-Chief, The Printlines | Bharat Express News Network
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून से अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं. पीएम मोदी की ये विदेश यात्रा कई मायनों में काफी अहम मानी जा रही है. कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री की ये यात्रा किसी भी भारतीय पीएम द्वारा की गई विदेश यात्रा में सबसे प्रभावी और महत्वपूर्ण है. इस यात्रा से अमेरिका और भारत के रिश्तों में जहां मजबूती आएगी, वहीं रणनीतिक जुड़ावों, कूटनीतिक पहलों और भविष्य के लिए एक साझा दृष्टिकोण के जरिए द्विपक्षीय संबंधों को उन्नति के शिखर पर स्थापित करेगी.

द्विपक्षीय संबंधों को मिलेगी मजबूती

प्रधानमंत्री मोदी की ये यात्रा भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगी. दोनों देश साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, आर्थिक हितों और सुरक्षा सहयोग के आधार पर संबंधों को और अधिक मजबूती प्रदान करेंगे. इस यात्रा ने विभिन्न आयामों में इन संबंधों को और बढ़ाने के लिए उत्प्रेरक का काम किया है.

रक्षा उद्योग में सहयोग को मिलेगा बढ़ावा

प्रधानमंत्री की इस यात्रा का उद्देश्य भारत को उन महत्वपूर्ण अमेरिकी प्रौद्योगिकियों तक पहुंच बनाना है, जिन्हें शायद ही वाशिंगटन कभी गैर-सहयोगियों को प्रदान करता है. इससे न केवल वैश्विक राजनीति बल्कि व्यापार और अर्थव्यवस्था पर आधारित एक नए गठबंधन को मजबूती मिलेगी. पश्चिम के कई देशों की नाराजगी के बावजूद भारत ने मास्को के साथ अपना व्यापार जारी रखा. रूस से सस्ते तेल के आयात को और भी बढ़ाया. पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान अपेक्षित प्रमुख घोषणाओं में भारत में अपने घरेलू स्तर पर उत्पादित लड़ाकू विमानों के लिए इंजन बनाने के लिए जनरल इलेक्ट्रिक (जीई.एन) के लिए यूएस की मंजूरी, भारत द्वारा जनरल एटॉमिक्स द्वारा बनाए गए 31 सशस्त्र एमक्यू-9बी सीगार्डियन ड्रोन की 3 बिलियन डॉलर की खरीद, और रक्षा और उच्च प्रौद्योगिकी में सुचारू व्यापार के लिए अमेरिकी बाधाओं को हटाना शामिल है.

आर्थिक सहयोग को बढ़ाने पर जोर

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा की प्रमुख विशेषताओं में शामिल मुद्दों में से एक आर्थिक सहयोग को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित करना है. दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश का विस्तार करने के अलावा तकनीकी क्षेत्र में साझेदारी, स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए नई तरीकों की तलाश के साथ ही एमओयू साइन करने पर भी जोर रहेगा. जिससे आने वाले समय में प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल, रक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग बढ़ेगा. ये समझौते दोनों देशों में रोजगार सृजन, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करेंगे. सेमी कंडक्टर, साइबर सुरक्षा, विमान, सामरिक बुनियादी ढांचे और संचार, वाणिज्यिक अंतरिक्ष परियोजनाओं, क्वांटम कंप्यूटिंग, और औद्योगिक और रक्षा डोमेन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा.

पिछले दिनों भारत की यात्रा पर आए अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवान ने सेमी कंडक्टर सप्लाई चेन में मदद और कई अन्य क्षेत्रों में तमाम घोषणाओं की मेजबानी करने की बात कही थी. जिसमें 5जी, 6जी और ओपन आरएएन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग के क्षेत्रों में तेजी लाने की कोशिश होगी.

सामरिक साझेदारी

इस यात्रा ने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच गहरी रणनीतिक साझेदारी को वैश्विक पटल पर रेखांकित किया है. क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए, आतंकवाद विरोधी प्रयासों पर चर्चा को गति मिली है. रक्षा प्रौद्योगिकी और संयुक्त सैन्य अभ्यास पर सहयोग को प्राथमिकता देने की कोशिश की गई है. दोनों देशों की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के साथ ही आम खतरों से निपटने की रणनीति पर जोर दिया जाएगा.

जलवायु परिवर्तन और स्थिरता

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान देश की सुरक्षा, आर्थिक नाीतियों और निवेश-व्यापार के अलावा जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे पर बात करने और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को भी उजागर किया है. संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत, दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र और ग्रीनहाउस गैसों के प्रमुख उत्सर्जक के रूप में, जलवायु परिवर्तन से निपटने, स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तन को गति देने और पर्यावरण की रक्षा के लिए संयुक्त पहल की घोषणा की. साझेदारी का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक स्तर पर देशों को इसके लिए लाकर एक साथ खड़ा करना और सतत विकास को बढ़ावा देना शामिल है.

लोगों से लोगों का आदान-प्रदान

इस यात्रा ने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच लोगों से लोगों के आदान-प्रदान के महत्व पर जोर दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक ताने-बाने में उनके योगदान को पहचानते हुए, संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत की. भारत और यूएस के लोगों के बीच समझ को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों, शैक्षिक सहयोग और यात्रा और वीजा प्रतिबंधों को कम करने के प्रयासों की घोषणा की गई.

पीएम मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान तमाम दिग्गज हस्तियों से मुलाकात की, जिसमें विचारक, शिक्षाविद् उद्योगपति के साथ ही नोबल पुरस्कार विजेता अन्य लोग शामिल हैं. पीएम मोदी ने ट्विटर के सीईओ और टेस्ला के मालिक एलन मस्क से मुलाकात की. इसके अलावा नोबेल पुरस्कार विजेता पीटर एग्रे और पॉल रोमर, एस्ट्रोफिजिसिस्ट नील डेग्रसे टायसन, लेखक निकोलस नसीम तालेब, निवेशक रे डायलो, पेप्सिको की पूर्व सीईओ इंद्रा नुई की बहन चंद्रिका टंडन और ग्रैमी पुरस्कार विजेता फाल्गुनी शाह से मुलाकात की. फाल्गुनी शाह को फालू शाह के नाम से भी जाना जाता है.

क्षेत्रीय प्रभाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यूएस यात्रा ने वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते प्रभाव और ताकत को प्रदर्शित किया है. इसके साथ ही पीएम मोदी के नेतृत्व में अमेरिका के साथ भारत के मजबूत होते रिश्ते की झलक दिखाई है.

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