Premanand Maharaj: रामलला की मूर्ति कैसे हुई दिव्य और सजीव? प्रेमानंद महाराज ने बताई सही बात

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Premanand Maharaj on Ram Lalla Murti Pran Pratishtha: अयोध्या राम मंदिर में रामलला के प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. हर रोज लाखों की संख्या में रामभक्त अयोध्या पहुंच रहे हैं. ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि पत्थर की मूर्ति में ऐसा क्या हुआ कि वो सजीव हो गई और हर कोई इस प्रतिमा की पूजा करने लगा. इस सवाल का जवाब वृंदावन में रह रहे प्रेमानंद महाराज ने दिया है. आइए जानते हैं क्या कहा उन्होंने…

जानिए कौन हैं प्रेमानंद जी महाराज

दरअसल, प्रेमानंद महाराज जी उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के रहने वाले हैं और अब वृंदावन में रह रहे हैं. इनके दर्शन के लिए लोग दूर दूर से आते हैं. प्रेमानंद जी महाराज सरल सी बात में इतनी ज्यादा ज्ञान की बातें बता देते हैं जितना कोई सोच नहीं सकता. सोशल मीडिया पर उनके प्रवचन वायरल होते रहते हैं. मीडिया सोशल मीडिया पर महाराज जी के लाखों में फॉलोअर्स हैं. इस बीच महाराज का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक भक्त उनसे सवाल करता है कि रामलला की मूर्ति कैसे सजीव हुई. जिसका उन्होंने बहुत सुंदर जवाब दिया है.

जानिए क्या बोले प्रेमानंद जी महाराज

आप वीडियो में देख सकते हैं कि एक भक्त पूछ रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा में जो प्रतिमा स्थापित हुई थी वो दिव्य और सजीव हो गई, इस सजीवता के पीछे का कारण क्या है. इस पर प्रेमानंद जी महाराज कह रहे हैं कि सजीवता के पीछे का कारण हैं महापुरुषों के मंत्र और भक्तों के भाव. इन दोनों में बहुत सामर्थ्य होता है. राम जी की मूर्ति के साथ एक दो भक्त नहीं बल्कि असंख्य भक्तों के भाव जुड़े हुए हैं. दशरथनंदन वहां पहले से थे लेकिन मंत्र और भाव से प्राण प्रतिष्ठा के बाद विग्रह में राम जी प्रकाशित हो गए, कोई आश्चर्य की बात नहीं है.

मंत्रों से हुआ चमत्कार

उन्होंने आगे जवाब देते हुए कहा कि मंत्रों से चमत्कार हुआ है, प्राण प्रतिष्ठा से पहले और बाद के दर्शन में काफी अंतर है. विग्रह में भगवान साक्षात विराजमान हो गए है और ऐसे अनुभव हमेशा होते रहेंगे. आगे उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मंत्रोच्चार भी नहीं किया लेकिन लाखों भक्तों के भाव से याद किया तो खंभे में भी नरसिंह जी प्रकट हो गए.

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