कौन हैं बाबा बौख नाग, सिलक्‍यारा सुरंग हादसे से क्‍या हैं कनेक्‍शन?  

Baba Baukh Nag: चट्टानी हिम्‍मत और बुलंद हौसलों के आगे आखिरकार पहाड़ हार ही गया. उत्तरकाशी जिले के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को 17वें दिन यानी मंगलवार को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए तमाम कोशिशें की गई. अमेरिकी ऑगर मशीन फेल होने के बाद हाथ से खोदाई करने वाली रैट माइनर्स की टीम सभी श्रमिकों को बाहर निकालने में कामयाब रही.

बाबा बौख नाग के रोष से फंसे श्रमिक

वहीं सिलक्‍यारा हादसे के दौरान बाबा बौख नाग (Baba Baukh Nag) का नाम सामने आया. स्‍थानीय लोगों का कहना था कि बाबा बौख नाग की अवहेलना करने के कारण यह हादसा हुआ. लोगों ने बताया कि जिस स्‍थान पर टनल का काम शुरु हुआ, वहां टिन से बना बाबा बौख नाग का मंदिर था. जिसे हटाकर कंपनी ने अंदर रख दिया था. उनका दावा था कि बाबा के प्रकोप से ही श्रमिक सुरंग में फंसे हैं.

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हालांकि हादसे के शुरुआती दौर में इस बात पर ध्‍यान नहीं दिया गया, लेकिन जब रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में बार-बार बाधाएं आने लगीं तो इस बात पर अमल किया गया. बाबा बौख नाग के मंदिर को टनल के बाहर रखा गया और रोजाना रेस्‍क्‍यू काम शुरू करने से पहले बाबा की पूजा की जाती रही. बौख नाग बाबा की कृपा से 28 नवंबर को सुरंग के अंदर फंसे सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. आइए जानते हैं कि कौन हैं बाबा बौख नाग और इस टनल से उनका क्‍या रिश्‍ता है.

पहाड़ों के देवता हैं बाबा बौख नाग (Baba Baukh Nag)  

बाबा बौख नाग पहाड़ों के देवता कहे जाते हैं. उनका मंदिर उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मौजूद है. प्रत्‍येक वर्ष हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं. माना जाता है कि इस मंदिर तक नंगे पैर आकर दर्शन करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है. खासतौर से यहां नवविवाहित और निसंतान लोग दर्शन के लिए आते हैं. धार्मिक मान्‍यता है कि ऐसा करने से उन्हें संतान की प्राप्ति होती है. यहां पर हर वर्ष एक मेला का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु उमड़ते हैं और बाबा बौख नाग के आगे अपनी अर्जी लगाते हैं. 

विदेश एक्‍सपर्ट ने भी किए दर्शन 

टनल में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए अथक प्रयास किए गए. साथ ही दुआओं और प्रार्थनाओं का दौर भी जारी रहा. इसके साथ ही केंद्रीय सड़क व परिवहन राज्‍यमंत्री जनरल वीके सिंह और सीएम धामी स‍मेत कई वीवीआईपी ने बाबा के मंदिर में मत्‍था टेका. श्रमिकों के बचाव के लिए आए अंतरराष्ट्रीय सुरंग एक्सपर्ट अर्नाल्ड डिक्स ने भी बाबा के मंदिर में पूजा-अर्चना की. 

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