International Labour Day 2024: दुनियाभर में प्रत्येक वर्ष 01 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस (International Labour Day) मनाया जाता है. इस दिन को श्रम दिवस, कामगार दिवस, श्रमिक दिवस के नामों से भी जाना जाता है. एक दिन मजदूरों के लिए समर्पित करने के पीछे एक खास कारण है. इस दिन को श्रमिकों के योगदान, उनकी परिस्थिति के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. आइए आपको बताते हैं कि क्यों 01 मई को ही अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है.
मजदूर दिवस का इतिहास?
1886 से पहले अमेरिका के श्रमिकों ने आंदोलन शुरू किया. उन्होंने अपने हक की आवाज उठाई और हड़ताल शुरू कर दिया. दरअसल, उस वक्त श्रमिकों की हालक काफी खराब हो गई थी. मजदूरों को एक दिन में 15 घंटे कार्य करना पड़ता था. इन परिस्थितियों को झेलते हुए श्रमिकों ने आवाज उठाने का फैसला किया. अमेरिका के सभी श्रमिक 01 मई 1886 को सड़कों पर उतर आए. श्रमिकों ने मांग किया कि उनके 15 घंटे काम की अवधि को कम करके 8 घंटे किया जाए, लेकिन पुलिस ने स्थिति को देखकर मजदूरों पर गोलियां चला दी. जिसमें कई श्रमिकों ने अपनी जान गंवा दी.
जितने भी श्रमिकों ने जान गंवाई थी. उन्हीं की याद में 01 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाने का फैसला किया गया. अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की दूसरी बैठक में ये भी प्रस्ताव दिया गया कि इस दिन को अवकाश की तरह मनाया जाएगा. साथ ही श्रमिकों से 8 घंटे से अधिक काम न करवाने के भी फैसले को पास किया गया.
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भारत में मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत
1923 में भारत में सबसे पहले चेन्नई में मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी. इसे वामपंथियों द्वारा शुरू किया गया था. जिसके बाद देशभर के श्रमिकों मजदूर दिवस मनाने लगे. 01 मई को देशभर में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है.
इस साल मजदूर दिवस की थीम है खास
दरअसल, इस दिन को मनाने के लिए हर साल एक खास थीम चुनी जाती है. साल 2024 का थीम ensuring workplace safety and health amidst climate change है. जिसका मतलब है कि जलवायु परिवर्तन के बीच श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना.