Harsha Richhariya: दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ में दुनियाभर के श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाने आ रहे हैं. इसी बीच निरंजनी अखाड़े की साध्वी हर्षा रिछारिया सुर्खियों में बनी हुई हैं. लोगों ने उन्हें महाकुंभ की सबसे खूबसूरत साध्वी का टैग दे दिया है. हालांकि, हर्षा काफी विवादों में घिर गई हैं और उन्होंने महाकुंभ छोड़ने का ऐलान किया है. दरअसल, महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में हर्षा के शामिल होने और महामंडलेश्वर के शाही रथ पर बैठने को लेकर काफी विरोध हुआ था, जिससे वो आहत हो गई हैं.
रोने को मजबूर हुईं वायरल साध्वी हर्षा
दरअसल, शाकुंभरी पीठाधीश्वर और काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने हर्षा के शाही रथ पर बैठने को धर्म के खिलाफ बताया था. वहीं, अब हर्षा ने महाकुंभ छोड़ने का ऐलान किया है. महाकुंभ से वापस जाने को लेकर हर्षा ने कहा, “मैं सनातन को समझना चाहती थी, लेकिन कुछ लोगों ने मुझ पर निशाना साधा और इस बात का पाप उन्हें जरूर लगेगा.” इस दौरान हर्षा रोने भी लगीं.
हर्षा ने किसे दी बद्दुआ
हर्षा रिछारिया ने शाकुंभरी पीठाधीश्वर और काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप जी महाराज पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “शर्म आनी चाहिए कि एक लड़की जो धर्म से जुड़ने आई थी, धर्म को जानने आई थी, सनातन संस्कृति को समझने आई थी, आपने उसे इस लायक भी नहीं छोड़ा कि वह पूरे महाकुंभ तक रुक पाए. वो महाकुंभ जो हमारी जीवन में एक बार आएगा, आपने वह भी इंसान से छीन लिया. पुण्य का तो पता नहीं, लेकिन जो आनंद स्वरूप जी हैं…इनको पाप जरूर लगेगा.”
मैं वहीं चली जाऊंगी जहां से मैं आई थी- हर्षा
हर्षा ने आरोप लगाया कि लोगों ने उन्हें धर्म से जुड़ने का मौका नहीं दिया. उन्होंने कहा, लोग मुझे इस तरह से टारगेट कर रहे हैं तो अब मैं वहीं चली जाऊंगी, जहां से मैं आई थी. पूरे महाकुंभ में रहने की मंशा से मैं आई थी, लेकिन अब यहां नहीं रुक पाऊंगी.” हर्षा ने कहा कि वो यहां सनातन धर्म को समझने उसका प्रचार करने के लिए आई थीं, लेकिन सब उन पर सवाल उठा रहे हैं, जिससे वह आहत हुई हैं.