जब अरुण गोविल को भगवान राम मान बैठी महिला, कदमों में रख दिया था बीमार बच्चा, फिर हुआ चमत्कार…

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Arun Govil Birthday Special: रामानंद सागर द्वारा बनाया गया ‘रामायण’ सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले ऐतिहासिक शो में से एक है. इस सीरियल का जादू आज भी देखा जाता है. शुरूआती दौर की बात करें तो रामनंद की रामायण देखने के लिए लोगों में ऐसा क्रेज था कि घर पर टीवी न होने पर लोग आस पड़ोस के घरो में शो देखने के लिए चले जाते थे. लोग टीवी के सामने चप्‍पल उतार कर बैठते थे. भगवान श्रीराम और माता सीता की भूमिका निभाने वाले कलाकारों को लोगों ने भगवान का दर्जा दे दिया था. इस सीरियल को कई बार टीवी चैनल्स पर री-टेलीकास्ट किया गया है और हर बार इसका वही पुराना जादू देखने को मिला. अरुण गोविल ने भगवान श्रीराम के किरदार को इतनी खूबसूरती से पर्दे पर पेश किया कि लोग असल जिंदगी में भी उन्हें भगवान राम ही मानने लगे थे.

आज अरुण गोविल का जन्‍मदिन  

आज भी अरुण गोविल को ‘रामायण’ के राम के रूप में ही जाना जाता है. इनका जन्‍म 12 जनवरी, 1958 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में साधारण परिवार में हुआ. अरुण ने शायद कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक समय ऐसा भी आएगा जब लोग उन्हें प्रभु श्रीराम मानकर उनके पैर छूने लगेंगे. आइए आज अभिनेता के 66वें जन्मदिन के मौके पर ‘रामायण’ से जुड़ी उनकी जिंदगी की कुछ खास बातों को जानते हैं..

चप्पल उतारकर रामायणदेखते थे लोग

साल 1987 से 1988 तक चलने वाली इस टीवी सीरियल को देखने के लिए लोग चप्पल उतारकर और सिर पर पल्लू रखकर टीवी के सामने बैठा करते थे. इतना ही नहीं एक्‍टर जहां भी जाते थे लोग प्रभु श्रीराम कहते हुए उनके कदमों में गिर जाया करते थे. एक बार अरुण गोविल ने खुद भी एक ऐसा किस्सा सुनाया था.

अरुण गोविल के पैरों में रख दिया बीमार बच्चा

उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक बार एक महिला उन्हें (श्रीराम) ढूंढते हुए उनके शो के सेट पर आ गई थी. उसके गोद में एक बच्‍चा था. महिला सबसे पूछने लगी कि श्रीराम कहां है? सेट पर मौजूद लोगों ने उसे मेरी ओर भेज दिया. वह आकर मेरे कदमों में गिर गई. महिला ने रोते हुए अपने बच्चे को मेरे पैरों पर रख दिया. कहने लगी मेरा बच्‍चा बीमार है, उसे आशीर्वाद दीजिए और ठीक कर दीजिए.

बच्चे के सिर पर रखवाया हाथ

अरुण ने आगे कहा कि उस मै घबरा गया, मैने उनसे कहा आप ये क्‍य’ कर रही हैं. इसमें मै कुछ नहीं कर सकता. मैंने उनसे हाथ जोड़कर कहा कि आप इसे तुरंत हॉस्पिटल ले जाइए. मैंने उस महिला को कुछ पैसे दिए. मैंने भगवान से उनके बेटे के लिए प्रार्थना की. महिला ने बच्‍चे के सिर पर मेरा हाथ रखवाया. फिर वह रोते हुए बच्चे को लेकर चली गई.

बच्चे को देख उड़ गए होश

उन्‍होंने बताया कि तीन दिन वही महिला फिर सेट पर आई. उसके साथ उसका बेटा भी था, जो अब बिल्कुल स्‍वस्‍थ हो चुका था और खुद चलकर आ रहा था. सेट पर हर कोई उस बच्चे को देखकर दंग रह गया था. अरुण गोविल ने आगे भगवान पर अपनी श्रद्धा जताते हुए कहा कि मुझे यकीन है कि यदि भगवान पर विश्वास दिखाया जाता है वह जरूर हमारी सुनता है.

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