Bihar Police Paper Leak: सिपाही भर्ती पेपर लीक, आरोपियों के पास से मिली आंसर-की, कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Bihar police question paper 2023: बिहार में लंबे इंतजार के बाद सिपाही के 21391 पदों पर नियुक्ति के लिए रविवार को पहले चरण की लिखित परीक्षा हुई. बिहार में 529 केंद्रों पर इस परीक्षा का आयोजन किया गया था, जिसमें पटना के केंद्र पर कई लोगों को नकल करते हुए पकड़ा गया. साथ ही उनके पास से आंसर की भी बरामद किया गया. बरामद आंसर की से प्रश्न पत्र मैच करने के बाद यह पक्का हो गया कि प्रश्न पत्र पहले ही बाहर आ चुका था.

इन आरोपिओं को किया गया गिरफ्तार

बता दें कि पटना के अलावा  सारण, बक्सर, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई सहित एक दर्जन जिलों से कदाचार के प्रयास में अभ्यर्थियों गिरफ्तार किए गए है. पकड़े गए आरोपियों में उजियारपुर थाना क्षेत्र के मालती वार्ड नंबर छह निवासी संतोष कुमार उर्फ गुड्डू (30 वर्ष), दलसिंहसराय थाना क्षेत्र के कमरांव वार्ड संख्या दस निवासी अंकित कुमार (21 वर्ष), कर्पूरीग्राम थाना क्षेत्र के कोनवाजितपुर वार्ड संख्या सात मनीष कुमार उर्फ संतोष (21 वर्ष), और रोसड़ा थाना क्षेत्र के महरौल वार्ड संख्या पांच निवासी गौतम कुमार (27 वर्ष) आदि शामिल हैं.

आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज

परीक्षार्थियों के पास से बरामद आंसर-की का असली प्रश्न पत्र से मैच कराया गया, जिसके बाद परीक्षा केंद्री के अधिकारी के बयान पर कंकड़बाग थाने में FIR दर्ज कर ली गई.  वहीं, पुलिस की तफ्तीश में यह खुलासा किया गया है कि सॉल्वर गैंग में यूपी, हरियाणा और बिहार के माफिया शामिल हैं. पुलिस के मुताबिक, बरामद आंसर की को जांच के लिए केंद्रीय चयन पर्षद भेज दिया गया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है.


आरोपियों के पास से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद

पुलिस ने सभी आरोपियों के पास से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए है. इन उपकरणों में  10 वॉकी-टॉकी, 20 वॉकी-टॉकी का एंटीना, 10 वॉकी-टॉकी चार्जर, 32 ब्लूटूथ मक्खी इयर फोन, 11 रिसिवर डिवाइस, तीन ब्लूटूथ इयरफोन लगी हुई गंजी, सात विभिन्न लोगों का हस्ताक्षर किया हुआ ब्लैंक चेक, विभिन्न छात्रों के एडमिट कार्ड एवं शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की मूल प्रति, चार पेन ड्राइव और चार मोबाइल फोन  आदि शामिल हैं.

अंतिम चयन के बाद मिलने थे 5-7 लाख रुपये

दरअसल, पुलिस अधिकारी ने बताया कि परीक्षा से पहले इन लोगों को अभ्यर्थियों को सिस्टम उपलब्ध कराने के एवज में उनके मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र और 20-25 हजार रुपये मिले थे. वहीं, परीक्षा खत्‍म होने के बाद 2-2.5 लाख रुपये तथा अंतिम चयन के बाद 5-7 लाख रुपये मिलने थे. इसके साथ ही काम के बाद अभ्यर्थियों से गारंटी के रूप में लिए गए मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र को लौटाया जाना था.

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