चीन के DeepSeek AI ने अमेरिका की IT इंडस्ट्री को दी चुनौती, चिप-निर्माता कंपनियों को अब तक हो चुका है 600 बिलियन डॉलर का नुकसान

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

China DeepSeek AI: अब तक एआई चैट टूल के मार्केट में अकेला राज कर रहा था, लेकिन अब चीन के DeepSeek-R1 के आने बाद अब लग रहा है कि इसकी बादशाही खत्‍म होने वाली है. दरअसल, चीन के इस AI कंपनी DeepSeek ने अमेरिकी टेक इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया है.

चीन की नई AI कंपनी DeepSeek हांगझोऊ शहर में स्थित एक स्टार्टअप है, जिसके द्वारा विकसित एक नए चैटबोट ने अमेरिकी कंपनियों को चुनौती दी है, जिसके वजह से Nvidia जैसे अमेरिकी चिप-निर्माता कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई.

चीनी ऐप ने हासिल की टॉप रेटिंग

DeepSeek का दावा है कि उसका AI मॉडल अमेरिकी कंपनियों के स्तर के समान क्षमता रखता है और इसे विकसित करने में बहुत कम खर्च आया है. चीनी कंपनी के इस चैटबोट ने Apple के US App Store पर मुफ्त ऐप के तौर पर टॉप रेटिंग हासिल की है. चीन के इस चैटबोट ने अब तक सिर्फ 5.6 मिलियन डॉलर खर्च किए हैं, जबकि अमेरिकी कंपनियों ने AI तकनीक में अरबों डॉलर खर्च कर चुका है.

अमेरिकी IT कंपनियों के शेयर गिरे

आकडों के मुताबिक, सोमवार को Nvidia के शेयरों में करीब 17 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे उसकी बाजार मूल्य में करीब 600 बिलियन डॉलर की कमी आई. वहीं, टेक-रिच Nasdaq इंडेक्स भी 3 प्रतिशत से अधिक गिरावट पर बंद हुआ. इतना ही नहीं, अमेरिका के चीप निर्माता Broadcom के शेयरों में भी 17 प्रतिशत दर्ज की गई है, और यूरोप के प्रमुख स्टॉक्स में भी गिरावट देखी गई.

अमेरिका से आगे निकलने की कोशिश में चीन

ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि चीन ने AI क्षेत्र में अमेरिका को कड़ी चुनौती दी है.  वहीं, XTB ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की रिसर्च डायरेक्टर कैथलीन ब्रूक्स की माने तो चीन अब AI क्षेत्र में अमेरिका से आगे निकलने की कोशिश कर रहा है.

DeepSeek के दावों पर संदेह

हालांकि DeepSeek के दावों पर कुछ विश्लेषक संदेह भी जता रहे हैं. ऐसे में ही B. Riley Wealth के आर्ट होगन का कहना है कि “बाजार का रिएक्शन जल्दी में लिया गया कदम हो सकता है, क्योंकि सभी अभी भी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या यह दावा सच है.”  वहीं, DeepSeek के सर्वर पर साइबर हमलों के बाद कंपनी ने नए उपयोगकर्ताओं की पंजीकरण प्रक्रिया को सीमित कर दिया है.

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