Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, साधु के लिए कण और क्षण- दोनों ही एक जैसे कीमती है। इसीलिए जो दोनों को कीमती मानकर सावधानी से इनको काम में लेता है, वही सच्चा संत है। संत कण और क्षण की उपेक्षा नहीं कर सकता।
क्योंकि वह जानता है कि एक-आध अन्न का कण भी चींटी का पेट तो भर ही सकता है और एक-आध क्षण अनेक व्यक्तियों को सुधार सकता है, अनेक व्यक्तियों को तार सकता है। इसलिए संत अत्यंत प्रेम पूर्वक कहते हैं कि जीवन का एक क्षण भी व्यर्थ मत जाने दो और अनाज का एक कण भी मत बिगाड़ो।
जो कण और क्षण का सदुपयोग करे, वह सज्जन और जो इन दोनों का दुरुपयोग करे, वह दुर्जन है। संसार की विस्मृति होगी तभी ब्रह्म सम्बन्ध स्थापित हो सकेगा। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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