कनाडा और पनामा नहर के बाद अब दुनिया के सबसे बड़े द्वीप पर अमेरिका की नजर, म्यूटे बोरुप बोले- एक बार फिर होंगे असफल

Aarti Kushwaha
Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Aarti Kushwaha
Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Donald trump: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से डेनमार्क से ग्रीनलैंड खरीदने के अपने आह्वान को दोहराया है. हालांकि उन्‍होंने अपने पहले कार्यकाल में भी कुछ ऐसा ही करने का प्‍लान बनाया था, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली थी. ऐसे में अब मित्र देशों की सूची में डेनमार्क भी शामिल हो गया है, जिनके साथ ट्रंप पदभार ग्रहण करने से पहले ही टकराव का रुख अख्तियार कर रहे हैं.

दरअसल, रविवार को डोनाल्‍ड ट्रंप ने डेनमार्क में अपने राजदूत के नाम की घोषणा करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वतंत्रता के उद्देश्य से, अमेरिका को लगता है कि ग्रीनलैंड का स्वामित्व और नियंत्रण एक परम आवश्यकता है और यही वजह है कि उन्‍होंने फिर से ग्रीनलैंड को खरीदने की योजना बनाई है.

पनामा नहर-कनाडा को लेकर बोले ट्रंप

हालांकि इससे पहले उन्‍होंने सुझाव दिया था कि यदि अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाले पनामा जलमार्ग का इस्‍तेमाल करने के लिए बढ़ते परिवहन लागत को कम करने के लिए कुछ नहीं किया जाता है, तो अमेरिका फिर से पनामा नहर पर नियंत्रण कर सकता है. इसके अलावा, वो कनाडा को भी अमेरिका का 51वां राज्य बनाने और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को ‘ग्रेट स्टेट ऑफ कनाडा’ का ‘गवर्नर’ बनाने का सुझाव दे चुके है.

ग्रीनलैंड में है अमेरिकी सैन्य अड्डा

बता दें कि, ग्रीनलैंड दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है जो अटलांटिक और आर्कटिक महासागरों के बीच स्थित है. ग्रीनलैंड स्वायत्त शासन वाला देश हैं, जिसका 80 प्रतिशत बर्फ की चादर से ढका रहता है और ये अमेरिकी सैन्‍य अड्डा है. हालांकि, अभी भी यह डेनमार्क साम्राज्य का हिस्सा है और वहां की सारी गतिविधियों को वहां की सरकार ही देखती है.

ट्रंप की नवीनतम अपील होगी निरर्थक

वहीं, ट्रंप के इस बयान पर डेनमार्क के शासनाध्यक्ष म्यूटे बोरुप एगेडे ने कहा है कि ग्रीनलैंड पर अमेरिकी नियंत्रण की ट्रंप की नवीनतम अपील उनके पहले कार्यकाल की तरह ही निरर्थक रहेगी. एगेडे ने कहा कि ग्रीनलैंड हमारा है, हम बिक्री के लिए तैयार नहीं हैं और कभी होंगे भी नहीं.  हमें स्वतंत्रता के लिए अपनी वर्षों पुरानी लड़ाई नहीं हारनी चाहिए.

इसे भी पढें:-फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर में सुरक्षा की बनाई योजना तो भड़का चीन, कहा- मिसाइलों की तैनाती भड़काऊ कदम

Latest News

Bangladesh: हिंदुओं के बाद अब ईसाईयों पर होने लगे अत्याचार, 17 घरों को किया आग के हवाले

Bangladesh: बांग्लादेश में अल्‍पसंख्‍यकों पर अत्‍याचार नहीं थम रहा है. शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद से ही...

More Articles Like This