Gaza War: स्लोवेनिया ने हाल ही फिलीस्तीन को देश के रूप में मान्यता दी है. हालांकि इससे पहले स्पेन, आयरलैंड और नार्वे फलस्तीन को मान्यता दे चुके हैं. फिलीस्तीन को देश के तौर पर मान्यता देने वाला स्लोवेनिया नया यूरोपीय देश बन गया है. दरअसल, स्लोवेनिया का ऐसा करने का मकसद इजाइल को युद्ध बंद करने के लिए दबाव बनाना है.
आपको बता दें कि पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के गाजा में हमला करने के बाद से इस्राइल ने आक्रामक रुख अपना रखा है. वह लगातार इजराइल पर हमले कर रहा है. वहीं, ताजा हमला मंगलवार को किया गया है, जिससे गाजा में करीब 19 लोगों की मौत हुई है. इतना ही नहीं इस वक्त हमले के चलते फिलीस्तीनियों की हालत ऐसी हो गई है कि उन्हें भोजन तक नहीं मिल पा रहा है.
Gaza War:…तब तक नहीं रूकेगा युद्ध
इसी बीच हमास ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा है कि जब इजराइल स्पष्ट रूप से युद्ध विराम का वादा नहीं करता और अपनी सेनाओं को वापस नहीं ले जाता, तब तक लड़ाई नहीं रुकेगी. दरअसल, हमास का यह बयान उस वक्स सामने आया जब जब कतर ने भी यहूदी देश से समझौता करने को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा. बता दें कि अमेरिका और मिस्त्र के साथ ही कतर भी हमास और इस्राइल के बीच मध्यस्था करने वाला देश है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने युद्ध विराम का दिया था प्रस्ताव
हमास और इजराइल के बीच चल रहे युद्ध को बंद करने के लिए पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तीन चरणों का एक प्रस्ताव दिया था. इस प्रस्ताव में कहा गया था कि इस्राइली सेना 6 हफ्ते के लिए आबादी वाली जगह से हट जाएगी साथ सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों के बदले बंधकों को भी छोड़ा जाएगा.
अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग
इसके अलावा, अमेरिका की रिपब्लिक सरकार ने अंतराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय(ICC) पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक पास किया. इस दौरान अभियोजन ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में गाजा में एक्टिव इस्राइली सेना के अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग की.
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