इकॉनमी के मोर्चे पर अच्छी खबर है. देश का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 1 अप्रैल से 10 नवंबर की अवधि के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में 15.41 फीसदी बढ़कर 12.1 लाख करोड़ रुपये हो गया. सीबीडीटी के आंकड़ों के मुताबिक, इसमें 5.10 लाख करोड़ रुपए का शुद्ध कॉरपोरेट कर और 6.62 लाख करोड़ रुपए का गैर-कॉरपोरेट कर (व्यक्तियों, एचयूएफ, फर्मों द्वारा भुगतान किए गए करों सहित) शामिल हैं. अन्य करों के मद में 35,923 करोड़ रुपए आए. आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से 10 नवंबर के दौरान प्रत्यक्ष कर का सकल संग्रह 21.20% बढ़कर 15.02 लाख करोड़ रुपए रहा.
इस दौरान 2.92 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो एक वर्ष पहले की तुलना में 53% अधिक है. रिफंड के समायोजन के बाद, शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (जिसमें कॉरपोरेट, गैर-कॉरपोरेट और अन्य कर शामिल हैं. करीब 12.11 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 10.49 लाख करोड़ रुपये से 15.41% अधिक है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष करों से 22.12 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13% अधिक है.
बजट में ये रखा है टारगेट
वहीं, वित्त वर्ष 2024 के लिए सरकार ने केंद्र के ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू को रिवाइज्ड कर 34.4 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया था. जोकि वित्त वर्ष 2024 के बजट अनुमान से करीब 1 लाख करोड़ रुपए ज्यादा है. वित्त वर्ष 2025 के अनुमानों के संबंध में, सरकार ने 11.7% की वृद्धि के साथ 38.4 लाख करोड़ रुपए का बजट रखा है.
टैक्सेशन से रेवेन्यू टारगेट को इनकम टैक्स में 16.1% की वृद्धि, कॉरपोरेट टैक्स में 10.5% और कस्टम ड्यूटी में 8.7% का समर्थ प्राप्त है. वित्त वर्ष 2024 के संशोधित अनुमान की तुलना में जीएसटी कलेक्शन टारगेट को 11 फीसदी बढ़ाकर 10.6 लाख करोड़ रुपए कर दिया है.