Jammu and Kashmir Police Use GPS Tracker: देश के अलग-अलग राज्यों की पुलिस टीम लगातार अपनी हाईटेक तकनीक के माध्यम से अपने को मजबूत करने का प्रयास करती रहती है. इसी बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपराधियों को ट्रैकिंग करने के लिए जीपीएस ट्रैकर (एंकलेट) इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. इससे पुलिस खूंखार आतंकियों को जब चाहे आसानी से ट्रैक कर सकेगी.
NIA ने दिया आदेश!
बता दें कि यह जीपीएस ट्रैकर जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा जमानत पर छूटने वाले आतंकवादियों के पैर में पहनाया जाएगा. जम्मू-कश्मीर की राज्य जांच एजेंसी की ओर से प्राप्त जानकारी के मुताबिक,जीपीएस ट्रैकर एंक्लेट का इस्तेमाल विशेष एनआईए अदालत की ओर से आदेश पारित होने के बाद पेश किया गया था, इसमें आतंक के आरोपी के पैर पर जीपीएस ट्रैकर लगाने के लिए कहा था. जिसके बाद NIA की अदालत से इसका आदेश मिल गया है.
जीपीएस ट्रैकर के इस्तेमाल जमानत पर बाहर आए संदिग्ध आतंकी की मॉनिटरिंग के लिए किया जाएगा. इसे जमानत पर रिहा हुए आतंकियों के पैर में पहना दिया जाएगा. जिससे पुलिस जब चाहे, उन्हें ट्रैक कर सकती है. बता दें कि जीपीएस ट्रैकर का इस्तेमाल करने वाली जम्मू-कश्मीर पुलिस देश की पहली पुलिस बन गई है.
क्या है जीपीएस ट्रैकर (एंकलेट)
बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से जमानत पर रिहा हुए आतंकवादियों पर नजर रखने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ट्रैकर डिवाइस एक तरह का जीपीएस ट्रैकर एंक्लेट है. यह एक वियरेबल डिवाइस है, इसे शख्स के टखने के चारों तरफ चिपका दिया जाता है. जिसके बाद उस व्यक्ति की हर गतिविधियों पर आसानी से नजर रखी जा सकती है. फिलहाल इसका इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले के कोर्ट से जमानत पर छूटे आरोपी पर किया गया है.
ज्ञात हो कि भारत की जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से भले ही इस डिवाइस का इस्तेमाल पहली बार किया जा रहा है, लेकिन भारत के अलावा कई पश्चिमी देशों में इस डिवाइस का इस्तेमाल बहुत पहले से होता आया है. इसका उपयोग अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे पश्चिमी देश करते आ रहे हैं.
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