Kharna Puja Prasad: खरना पूजा में शामिल करें ये चीजें, छठी मैया पूरी करेंगी हर मनोकामना

Chhath 2023 Kharna Puja Prasad: छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है. इस साल यह पर्व 17 नवंबर से शुरू होकर 20 नवंबर तक चलने वाला है. इस क्रम में 17 नवंबर को नहाय-खाय मनाया गया. आज यानी 18 नवंबर को छठ महपर्व का खरना पूजा की तैयारी चल रही है. इस दिन व्रती महिलाएं शाम से समय प्रसाद के तौर पर गुड़ का खीर यानी रसिया बनाती हैं.

पूजा करने के बाद महिलाएं इसे स्वयं ग्रहण करती हैं. इसके बाद उस प्रसाद को घर के अन्य सदस्य ग्रहण करते हैं. बता दें कि खरना पूजा में कुछ चीजों का होना बहुत जरूरी माना जाता है. अगर आप इन चीजों के बारे में नहीं जानते हैं तो यह खबर आपके लिए है. तो चलिए जानते हैं कि खरना पूजा में किन चीजों को शामिल करना बेहद शुभ माना जाता है.  

Chhath 2023 Kharna Puja Prasad

कच्चा केला

नहाय खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत होती है. ऐसे में व्रत शुरू होने से पहले ही पूजा के लिए कच्चा केला खरीद लेना चाहिए. फिर उसे छठी मैया को अर्पित करने के लिए पकाना चाहिए. खरना पूजा में केले को प्रसाद के रूप में शामिल करना शुभ होता है.

डाभ नींबू

डाभ नींबू अन्य नींबू से बड़ा होता है. इसकी शुद्धता को देखते हुए इसका इस्तेमाल छठ पूजा में किया जाता है. इसे खरना की पूजा में शामिल करना शुभ होता है.

नारियल

धार्मिक मान्‍यता के अनुसार, नारियल छठी मैया को बहुत पसंद है. इसलिए छठ पर्व में बहुतायत इसका इस्तेमाल होता है. खरना पूजा में इसे शामिल करना चाहिए.

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गन्ना

गन्ना छठ पूजा का प्रमुख प्रसाद होता है. डाला पूजा के दौरान इसका इस्तेमाल किया जाता है. छठ पूजा में तीन पत्ते वाले गन्ने का इस्तेमाल किया जाता है. खरना के दिन गन्‍ना को पूजा के प्रसाद में शामिल करने से छठी मईया प्रसन्‍न होती हैं.

सुपाड़ी

हिन्‍दू धर्म में किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में सुपारी का इस्तेमाल होता है. छठ पर्व में भी व्रत का संकल्प करने के लिए सुपारी का इस्‍तेमाल किया जाता है.

सुथनी

सुथनी शकरकंद की प्रजाति का होता है. इसकी शुद्धता को देखते हुए छठि मैया को इसका भोग लगाया जाता है. इसे खरना के पूजा में प्रसाद के तौर पर शामिल करें. ऐसा करना शुभ माना जाता है.

सिंघाड़ा

सिंघाड़ा की उत्‍पत्ति जल से होती है. इसलिए इसको जल-फल माना जाता है. छठ पर्व में छठी मैया को प्रसाद अर्पित करने के लिए लोग इसका इस्तेमाल होता है. खरना के पूजा में सिंघाड़ा को प्रसाद के रूप में शामिल करें.

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