Money Laundering: क्‍या होता है प्रॉपर्टी अटैच करने का मतलब? ED लगातार करती है ये कार्रवाई

Money Laundering Case: बीते कुछ सालों में आपने प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी का नाम तो खूब सुना होगा. मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर ईडी लगातार कार्रवाई कर रही है. और कई बड़े नेताओं को जेल भी भेज चुकी है. यही कारण है कि कई बाद ईडी विवादों में भी रही है. वहीं अब ईडी ने हीरो कंपनी के सीएमडी पवन मुंजाल की 25 करोड़ की तीन संपत्तियां अटैच की हैं. हालांकि, आपने इससे पहले ये अटैच शब्द कई बार सुना होगा. लेकिन क्‍या आपको पता है कि कोई संपत्ति अटैच करने का क्या मतलब होता है. चलिए आज हम सब इन्‍हीं सवालों के बारे में जानते है.    

Money Laundering Case: संपत्ति कैसे होती है अटैच?

आपको बता दें, ईडी पहले संपत्ति को लेकर तमाम तरह की जानकारियां जुटाती है और कोई ठोस सबूत मिलने पर उन संपत्तियों को अटैच करने का निर्णय लेती है. इसके बाद मामले को लेकर ईडी को कोर्ट में सबूत पेश करने होते हैं, साथ में ये भी बताना होता है कि संपत्ति को क्‍यों अटैच किया गया. यदि कोर्ट में फैसला ईडी के पक्ष में आता है तो अटैच संपत्ति को जब्त कर लिया जाता है और इसकी कुर्की हो जाती है. 

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Money Laundering Case: संपत्ति अटैच होने का मतलब

ईडी जब भी किसी की संपत्ति को अटैच करती है तो इसका मतलब सील करना नहीं होता है. बल्कि उस समय अभी इस प्रॉपर्टी का इस्तेमाल जारी रहता है, मतलब यदि किसी का घर अटैच किया गया है तो उसमें लोग रह सकते हैं, साथ ही इसे किराये पर भी दिया जा सकता है. ठीक ऐसे ही दफ्तर और फैक्ट्री आदि को लेकर भी होता है. इसे केवल बेचा और किसी के नाम पर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता.

वहीं, काफी रेयर केस में ऐसा होता है, जिनमें प्रॉपर्टी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. इसके अलावा कोर्ट का फैसला आने तक संपत्ति का इस्तेमाल जारी रह सकता है. आपको बता दें कि ईडी प्रिवेंसन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (PMLA) के अंतर्गत ये तमाम कार्रवाई करती है. आरोपी शख्स कोर्ट में प्रॉपर्टी अटैच करने के खिलाफ अर्जी भी दाखिल कर सकता है.

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