निवेश के लिए 35 साल के कम के 45% युवा भारतीय शेयरों को प्राथमिकता दे रहे हैं. सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, शेयरों की ओर से लोगों का झुकाव बढ़ने की वजह वित्तीय जागरूकता और टेक्नोलॉजी के कारण अच्छे निवेश विकल्प उपलब्ध होना एवं लंबी अवधि में वैल्थ क्रिएशन का लक्ष्य है. रिसर्च फर्म 1लैटिस के साथ साझेदारी में स्टॉकग्रो की ओर से जारी की गई इन्वेस्टर बिहेवियर इंडेक्स (आईबीआई 2025) रिपोर्ट के अनुसार, 81% उत्तरदाताओं ने बताया कि वे शेयर बाजार में निवेश कर चुके हैं.
यह बदलाव दर्शाता है कि अधिक युवा पारंपरिक बचत साधनों से दूर जा रहे हैं और प्रत्यक्ष इक्विटी निवेश को अपना रहे हैं. लैटिस के सीईओ अमर चौधरी ने कहा, इक्विटी निवेश को वास्तव में एक वैल्थ क्रिएशन और पैसिव इनकम जनरेट करने के उपकरण के रूप में पहचाना जा रहा है. रिपोर्ट में बताया गया कि बढ़े हुए उत्साह के बावजूद वित्तीय शिक्षा एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, 42% गैर-निवेशकों को लगता है कि उनके पास निवेश शुरू करने के लिए आवश्यक ज्ञान की कमी है, जबकि 44% इच्छुक निवेशक स्टेप-बाय-स्टेप मार्गदर्शन चाहते हैं.
इसके अतिरिक्त, 38% उत्तरदाता ऑनलाइन वीडियो कोर्स के माध्यम से सीखना पसंद कर रहे हैं. स्टॉकग्रो के संस्थापक और सीईओ अजय लाखोटिया के मुताबिक, युवा निवेशक इक्विटी और एजुकेशन फर्स्ट-डिजिटल प्लेटफॉर्म की ओर बदलाव के लीड कर रहे हैं. इसके कारण वित्तीय साक्षरता की आवश्यकता पहले कभी इतनी नहीं रही है. डिजिटल निवेश प्लेटफॉर्म इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 68% उत्तरदाता निवेश सीखने और ट्रेडिंग के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करना पसंद करते हैं. वहीं, रियल-टाइम जानकारी, एआई द्वारा दिए जाने वाले सुझावों और वर्चुअल ट्रेडिंग अनुभव जैसी सुविधाओं ने निवेश को अधिक आसान बना दिया है.
करीब 50% नए निवेशक रियल निवेश शुरू करने से पहले वर्चुअल मनी के साथ प्रैक्टिस करना पसंद करते हैं. बाजार में अस्थिरता निवेशकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, 51% ने संभावित बाजार गिरावट के बारे में आशंका व्यक्त की है. रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय साक्षरता और डिजिटल निवेश उपकरण महानगरीय क्षेत्रों से परे छोटे शहरों में भी पहुंच रहे हैं.