Navaratri 2023: आखिर नवरात्रि में क्यों नहीं होती हैं शादियां? जानिए वजह

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Special Story Navaratri 2023: 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि का पावन महीना शुरू हो गया है. नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. ऐसे में देश भर के तमाम दुर्गा मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इस साल शारदीय नवरात्रि में माता हाथी पर आ रही हैं. माता रानी का हाथी पर आगमन एक शुभ संकेत के तौर पर देखा जाता है. साथ ही ये अधिक वर्षा का भी सुखद संदेश है.

नवरात्रि मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मानी जाती है. नवरात्र के 9 दिनों में मां दुर्गा की पूजा हर घर में की जाती है. नवरात्रि के दौरान भूमि पूजन, नामकरण और गृह प्रवेश जैसे शुभ काम किए जाते हैं. हालंकि, नवरात्र में शादी-विवाह संपन्न नहीं होते हैं. जानिए इसके पीछे का मुख्य कारण.

क्यों नहीं होती हैं शादियां
दरअसल, नवरात्र के 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, इस दौरान मान्यता है कि नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा करने से उसका फल कई गुना मिलता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्र में मां दुर्गा भक्तों के घरों में वास करती हैं. नवरात्र के नौ दिनों में घरों में कलश स्थापना कर पवित्रता और शुद्धता के साथ मां दुर्गा की पूजा की जाती है.

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हालांकि नवरात्रि में शादियां करने पर रोक है. इसके पीछे की मुख्य वजह है कि शादी संतान की उत्पत्ति और वंश की वृद्धि के भाव से की जाती है. ऐसे में ये नवरात्र के दौरान निषिद्ध है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्र के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन किया जाना चाहिए, इस वजह से शादी-विवाह संपन्न कराने में मनाही है.

मानसिक शुद्धता के लिए व्रत जरुरी
आपको बता दें कि नवरात्रि में दुर्गा पूजा के दौरान 09 दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. इस दौरान शारीरिक और मानसिक शुद्धता के लिए व्रत रखना चाहिए. यही वजह है कि नवरात्र के दौरान प्याज लहसुन इत्यादि के सेवन पर मनाही होती है. नवरात्रि के दौरान सात्विक भोजन ही करना चाहिए.

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कुवांरी कन्याओं की करें पूजा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्र में कुवांरी कन्याओं का पूजन किया जाना चाहिए. शास्त्रों में कुंवारी कन्याएं माता के रूप के समान मानी गई हैं. दो से दस वर्ष तक की कन्याओं को मां दुर्गा का रूप माना जाता है. इस वजह से ही नवरात्रि के दौरान उनकी विधिवत पूजा की जाती है. पूजन के साथ ही उनको भोजन कराया जाता है.

(लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. इसकी पुष्टी द प्रिंटलाइंस नहीं करता है.)

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