Pakistan UNSC: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के अस्थायी सदस्यों में अब पाकिस्तान भी शामिल हो गया है. ऐसे में पाकिस्तान का कार्यकाल 1 जनवरी 2025 से शुरू होगा और वह अगले दो साल तक यूएनएससी का सदस्य बना रहेगा. दरअसल, 193 सदस्यीय महासभा में से पाकिस्तान को 182 वोट मिले है, जो दो तिहाई बहुमत के आवश्यक आंकड़े 124 से ज्यादा है.
बता दें कि गुरुवार को पाकिस्तान के साथ ही डेनमार्क, पनामा, ग्रीस और सोमालिया को भी सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया. इस दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने नए सदस्य देशों का ऐलान किया. ये चुने गए नए सदस्य जापान, इक्वाडोर, माल्टा, मोजाम्बिक और स्विटजरलैंड की जगह लेंगे. बता दें कि इन देशों की सदस्यता 31 दिसंबर 2024 को समाप्त हो रही है.
Pakistan लेगा जापान की जगह
ऐसे में पाकिस्तान 1 जनवरी 2025 को एशियाई सीट पर काबिज जापान का स्थान लेगा और आठवीं बार UNSC का अस्थायी सदस्य बनेगा. पाकिस्तान ने 15 सदस्यीय परिषद के सदस्य के रूप में पाकिस्तान की प्राथमिकताओं और लक्ष्यों को बारे में जानकारी दी. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने कहा कि देश के चयन से संयुक्त राष्ट्र र्चाटर के उद्देश्यों और सिद्धांतों को बढ़ावा देने की देश के क्षमता को बढ़ावा मिलेगा.
पाकिस्तान कब-कब रहा UNSC का सदस्य
राजदूत अकरम ने कहा कि पाकिस्तान अन्य सदस्यों के साथ मिलकर काम करेगा, जिससे परिषद के साझा उद्देश्यों को आगे बढ़ाया जा सके. इसी बीच उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप संघर्षों की रोकथाम और उनके शांतिपूर्ण समाधान के लिए साझा सहयोग करेगा.
पाकिस्तान की UNSC में क्या है प्राथमिकता
पाकिस्तान ऐसे में समय में यूएनएससी में शामिल हो रहा है जब पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है. वहीं, सुरक्षा परिषद का सदस्य बनते ही पाकिस्तान ने एक बार फिर से कश्मीर का राग अलापा है. इस दौरान मुनीर अकरम ने अपनी प्राथमिकताओं को गिनाया है. जिसमें फिलिस्तीन और कश्मीर के लोगों के लिए आत्मनिर्णय के सिद्धांत को कायम रखना, दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना, अफ्रीका में सुरक्षा चुनौतियों के लिए न्यायसंगत समाधान को बढ़ावा देना, अफगानिस्तान में सामान्यीकरण को बढ़ावा देना और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों की प्रभावशीलता को बढ़ाना देना आदि शामिल है.
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