Trump tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक ओर जहां दुनियाभर में टैरिफ का बम फोड़ रहै है, वहीं, अब दूसरी ओर उन्होंने ड्रग को लेकर नया मुद्दा उठाया है. दरअसल, अमेरिका में हजारों जिंदगियां लील चुके फेंटानिल नाम की घातक ड्रग को लेकर अमेरिका ने भारत की ओर उंगलियां उठाई है.
बता दें कि ट्रंप प्रशासन भारत को चीन के साथ मिलकर ड्रग तस्करों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्रीकर्सर रसायनों और उपकरणों की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आपूर्ति को सक्षम करने में एक मुख्य प्लेयर के रूप में नामित किया है. वहीं, इस रिपोर्ट को अमेरिका की खुफिया प्रमुख तुलसी गैबार्ड के कार्यालय से जारी किया गया.
फेंटेनाइल से हुई 52,000 से अधिक मौतें
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2025 वार्षिक खतरा आकलन (एटीए) ने संयुक्त राज्य अमेरिका में चल रहे फेंटेनाइल संकट को बढ़ावा देने वाली सामग्रियों की आपूर्ति में इन देशों की बढ़ती भूमिका को बताया. दरअसल, फेंटेनाइल और अन्य सिंथेटिक ओपिओइड अमेरिका में तस्करी की जाने वाली सबसे घातक दवाएं हैं. और ये अक्टूबर 2024 को समाप्त होने वाली 12 महीने की अवधि में 52,000 से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार हैं.
बीजिंग के स्तर पर नई दिल्ली
ट्रपं प्रशासन ने फेंटेनाइल जैसे ओपिओइड के निर्माण के लिए ड्रग कार्टेल द्वारा उपयोग किए जाने वाले अग्रदूत रसायनों की आपूर्ति के संबंध में नई दिल्ली को बीजिंग के समान स्तर पर रखा है.साथ ही दावा किया गया है कि भारत भी फेंटानिल और उसकी निर्माण सामग्री का बड़ा सप्लायर्स बन चुका है. हालांकि, रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि भारत से अमेरिका में अवैध रूप से यह ड्रग कैसे पहुंच रहा है.
अमेरिका को लगा बड़ा झटका
अमेरिका के राष्ट्रपति के इसी तरह के तेवरों के बीच भारत और चीन के बीच एक बैठक हुई, जिससे अमेरिका को बड़ा झटका लगा है. इस दौरान भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए बड़े मुद्दों पर बातचीत हुई. और यह बैठक काफी सार्थक भी साबित हुई. हालांकि इससे पहले भी चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत के साथ व्यापारिक साझेदारी को बढ़ाने और मजबूत करने की पेशकश तक कर चुके हैं.
दोनों देशों के बीच इन मुद्दों पर हुई चर्चा
दरअसल, चीन चाहता है कि टैरिफ के इस वॉर का सामना करने के लिए भारत उसे सहयोग दे और इसी को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत हुई. हालांकि यह बातचीत व्यापार को लेकर नहीं बल्कि पुराने विवादों को सुलझाने के लिए इस बैठक को बुलाया गया. ऐसे में दोनों पक्षों के बीच सीमा पर तनाव को लेकर बातचीत की. दोनों ने समाधान की तरफ बातचीत की. इस दौरान भारत-चीन ने तनाव को कम करने से लेकर सीमा पार नदियों औऱ कैलाश मानसरोवर यात्रा समेत सीमा पार सहयोग को जल्द से जल्द बहाल करने पर भी जोर दिया.
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