यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लाल बहादुर शास्त्री भवन स्थित सीएम कमांड सेंटर का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने प्रदेश भर में विभिन्न विभागों और परियोजनाओं के परफॉर्मेंस की भी जानकारी ली. साथ ही उन्होंने विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि अच्छे लोगों की कहीं कोई कमी नहीं है, इन्हें प्रोत्साहन मिलना चाहिए. विभागों को दिशा-निर्देश देते हुए उन्होंने कहा, सिर्फ तीन कैटेगरीज ए, बी और सी के तहत विभागों और योजनाओं की मॉनीटरिंग की जानी चाहिए. इसके तहत जनपद स्तर पर प्रतिदिन, वैकल्पिक दिनों में, साप्ताहिक और पाक्षिक समीक्षा की जानी चाहिए.
इसके लिए जनपद स्तर पर अधिकारी की तैनाती की जाए, जो देखे कि रिपोर्ट में जो डेटा दिया जा रहा है, वह कितना सही है. इसके बाद महीने में एक बार मंत्री स्तर पर समीक्षा की जाए और सभी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत की जाएं. सीएम योगी ने वरासत, लैंड यूज जैसी सुविधाओं के निर्धारण में समय सीमा का पालन करने पर जोर दिया. सीएम ने कहा कि प्रदेश में फ्लैगशिप स्कीम्स की प्रगति को ट्रैक व मॉनिटर करने के लिए एक रैंकिंग प्रणाली विकसित की गई है. इसमें क्वालिटी और स्पीड पर ध्यान देना आवश्यक है.
जिन विभागों और परियोजनाओं की क्वालिटी और स्पीड कमजोर है, उन्हें बढ़ाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, इसमें भी हमारा प्रयास होना चाहिए कि ये सभी कैटेगरी परफॉर्मेंस बेस्ड हों तथा सबकी जवाबदेही सुनिश्चित की जाए. सीएम योगी ने बेहतर परफॉर्मेंस करने वाले विभागों के विषय में कहा कि हमें नंबर नहीं देखना है, बल्कि हमारा फोकस क्वालिटी पर होना चाहिए. क्वालिटी और ट्रांसपेरेंसी दोनों आवश्यक हैं. उन्होंने एमएसएमई विभाग को निर्देश दिया कि ओडीओपी को आगे बढ़ाना होगा.
देखना होगा कि क्या इसमें जनपदों के विशिष्ट फूड को भी जोड़ा जा सकता है. सीएम योगी ने कहा, परफॉर्मेंस का जो डेटा विभाग देते हैं, उनकी रैंडम चेकिंग की जाए. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव स्तर पर होने वाली समीक्षा बैठकों में टॉप-10 विभागों और योजनाओं पर चर्चा की जाए. जो विभाग और योजनाएं टॉप पर हैं, उनका प्रजेंटेशन सबके सामने रखा जाए और उन्हें बताया जाए कि किस तरह कार्य करना है और कहां कमी रह गई है. उनकी रिपोर्ट और सक्सेस स्टोरीज को बाकी के साथ शेयर किया जाना चाहिए. ये भी देखा जाना चाहिए कि जो लोग पीछे हैं, उनके पीछे कारण क्या है.
कड़े शब्दों में सीएम ने निर्देश दिए कि यदि सरकार जो स्कीम या अभियान चलाती है और अगर वह 100% सैचुरेटेड नहीं होता, तो उसका उद्देश्य अपूर्ण है. नियमित रूप से उनकी चेकिंग होनी चाहिए. हर विभाग अपने स्तर पर हर दिन मॉनीटरिंग करे. उन्होंने कहा, स्कीम बनाते समय अधिकारी यह जरूर ध्यान दें कि इसका लाभ अधिकतम लोगों तक पहुंच सके. केवल छोटे टार्गेट्स देकर खानापूर्ति नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे क्षमता आधारित बनाना चाहिए.
सीएम योगी ने आईजीआरएस की समीक्षा करते हुए कहा, आईजीआरएस के संदर्भ के विषय में संतुष्टिकरण का प्रतिशत बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि रेवेन्यू, पुलिस, हेल्थ, जिला प्रशासन, नगर निगम, पंचायती राज व अन्य संबंधित विभाग शिकायतों से जुड़े पक्ष को जवाबदेह बनाएं. समस्याओं के निस्तारण को प्राथमिकता में रखते हुए टेक्नोलॉजी का उपयोग करें. उन्होंने महत्वपूर्ण परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा, समस्त परियोजनाएं समय पर चलें, इसको प्राथमिकता में रखते हुए आगे की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए.