वॉलेंट्री रिटायरमेंट और नॉर्मल रिटायरमेंट में क्या है अंतर? जानिए वीआरएस लेने के बेनिफिट्स

Must Read

VRS scheme: हाल ही में उत्तराखंड की वरिष्ठ आईएएस अफसर मनीषा पंवार ने वॉलेंट्री रिटायरमेंट (वीआरएस) ले लिया है. आपको बता दें मनीषा पंवार उत्तराखंड कैडर की साल 1990 बैच की वरिष्ठ अफसर हैं.  इसके अलावा उनके पति 1991 बैच के आईएएस उमाकांत पंवार ने भी 03 अगस्त को वीआरएस के लिए आवेदन किया था, जिसे राज्य सरकार ने 10 अगस्त को तुरंत स्वीकार कर लिया. हालांकि, उनकी सेवा को नौ साल बचे हुए थे. ऐसे में आइए जानते हैं कि वॉलेंट्री रिटायरमेंट और नॉर्मल रिटायरमेंट में क्या अंतर होता है. इसके साथ ही वीआरएस लेने के क्‍या फायदे होते है.  

वॉलेंट्री रिटायरमेंट

आपने ये तो सूना ही होगा कि नौकरी करने के बाद रिटायरमेंट लेने की उम्र 58 से 60 साल होती है. लेकिन कुछ लोग किसी कारणवश समय से पहले ही रिटायरमेंट लेना चाहते हैं, या जीवन में कोई ऐसी स्थिति आ गई है कि वो नौकरी को जारी नहीं रख पाते हैं. ऐसे में वे स्वैच्छिक सेवानिवृत्त योजना (Voluntary Retirement Scheme- VRS) के तहत सेवानिवृत्त हो सकते हैं.

नॉर्मल रिटायरमेंट

हर व्‍यक्ति की काम करने की एक उम्र होती है, उस उम्र के बाद वह व्यक्ति काम को छोड़ कर घर में समय देना चाहता है अपने परिवार के साथ घूमना चाहता है. ऐसे में वह व्यक्ति सेवानिवृत्त यानी रिटायरमेंट के बारे में सोचता है और वह करीब 60- 62 होते-होते रिटायर हो जाते है.

वीआरएस लेने के बेनिफिट्स

  • कर्मचारियों को पीएफ, ग्रेच्युटी और कंपनी की पॉलिसी के अनुसार वेतन मिलती है.
  • एकमुश्त रकम मिलने से कर्मचारी इसका उपयोग अपने हिसाब से कर सकते हैं.
  • वीआरएस के अतर्गत मिलने वाली 5 लाख रुपए तक की रकम टैक्स मुक्त है.
  • जिस वर्ष मुआवजा मिलता है, उस साल इसका दावा किया जा सकता है.

यह भी पढ़े:- भारत में लॉन्च हुई Aprilia RS 457, जानें इस बाइक में क्या कुछ है खास?

Latest News

Israel Hezbollah War: हिजबुल्लाह का पलटवार, उत्तरी इजरायल में ताबड़तोड़ दागी 140 मिसाइलें

Israel Hezbollah War: आतंकी संगठन हिजबुल्‍लाह और इजरायल के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. एक तरफ जहां इजरायली...

More Articles Like This