EPFO Rule Change: पीएफ क्लेम के नियमों में हुआ बदलाव, अब आधार नहीं इन डॉक्यूमेंट की पड़ेगी जरूरत

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

EPFO Rule Change: कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन के जरिए आप एक मोटा फंड तैयार कर सकते हैं. वैसे तो ईपीएफओ स्कीम रिटायरमेंट के बाद मैच्योर होती है. लेकिन, कई परिस्थितियों में आप पीएफ फंड से आंशिक निकासी कर सकते हैं. बता दें कि क्लेम प्रोसेस के नियमों को ईपीएफओ ने बदल दिया है. अब पीएफ क्लेम करने का प्रोसेस आसान हो गया है. जी हां, अब क्लेम करने के लिए आधार की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, यह नियमों केवल खास मेंबर्स के लिए ही बदला है. ऐसे में आइए जानते हैं कि यह नियम किन मेंबर्स के लिए है…

किन कर्मचारियों को होगा लाभ?

ईपीएफओ के नए नियमों के अनुसार, इसका लाभ उन कर्मचारियों को होगा जिनके पास आधार कार्ड (Adhaar Card) नहीं है. दरअसल, इन कैटेगरी के कर्मचारी बिना आधार कार्ड के भी आसानी से अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर को आधार से लिंक करने की छूट दी गई है. EPFO ने रजिस्टर्ड इंटरनेशनल कर्मचारियों को छूट दिया है. यह वो कर्मचारी है जो कुछ समय तक भारत में काम करते थे. लेकिन, बाद में वह अपने देश चले गए. क्योंकि यह भारतीय नहीं थे इस कारण इनके पास आधार कार्ड नहीं है. कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) के नए नियम के मुताबिक, विदेश गए पूर्व भारतीय नागरिक जैसे-नेपाल और भूटान के नागरिकों को इस नियम के तहत लाभ होगा.

इन डॉक्यूमेंट का कर सकते हैं इस्‍तेमाल

वहीं, कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन ने दूसरे डॉक्यूमेंट के जरिये पीएफ क्लेम निपटाने की अनुमति दी है. इसमें रजिस्‍टर्ड इंटरनेशनल कर्मचारी कई डॉक्यूमेंट्स के माध्यम से पीएफ क्लेम कर सकते हैं. वह वेरिफिकेशन डॉक्यूमेंट– पासपोर्ट, सिटीजन सर्टिफिकेट या कोई ऑफिशियल आईडी प्रूफ का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा पैन कार्ड, बैंक अकाउंट स्टेटमेंट के जरिए भी वेरिफिकेशन हो जाएगा. 5 लाख रुपये से ज्यादा के क्लेम के लिए मेंबर को नियोक्ता से भी वेरिफिकेशन करवाना होगा.

क्या है ईपीएफओ क्लेम के नियम ?

EPFO के क्लेम नियमों के मुताबिक, किसी भी क्लेम रिक्वेस्ट को अधिकारी द्वारा पहले सावधानीपूर्वक जांच की जाएगी. इसके बाद स्वीकृति अधिकारी-प्रभारी यानी OIC के जरिये ई-ऑफिस फाइल को मंजूरी मिलेगी. इस मंजूरी के बाद ही क्लेम का प्रोसेस को आगे बढाया जाएगा. वहीं EPFO भी कर्मचारी को सलाह देता है कि वह हमेशा एक ही यूएएन नंबर को रखे. इससे पिछला सर्विस रिकॉर्ड ट्रैक करना और क्लेम मिलने में आसानी होती है.

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