Indian Railway: गुटखे के दाग हटाने में इतने करोड़ रुपये खर्च करता है रेलवे, डेटा जान हो जाएंगे हैरान

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Indian Railway: इंडियन रेलवे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल व्यवस्था है. हर दिन करीब ढाई करोड़ यात्री ट्रेन से सफर करते हैं. रेलवे द्वारा यात्रियों की आराम को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की जाती है. लेकिन भारतीय रेलवे के लिए अभी भी एक समस्या चुनौती बनी हुई है, जिसके लिए रेलवे को हर साल करोड़ों रुपये अनावश्यक खर्च करने पड़ते हैं. वो है गुटखे का दाग, रेलवे को सिर्फ गुटखे के दाग हटाने के लिए इतने रुपए खर्च करने पड़ते हैं. जितना आप सोच भी नहीं सकते. देखिए पूरा डेटा…

गुटखा साफ करने की जिम्मेदारी किसकी?

दरअसल, भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेनों में जगह-जगह धूम्रपान निषेध और गुटखा खाकर थूकना गलत है का विज्ञापन लगाया जाता है. जिसके चलते रेल यात्रा ट्रेन में सिगरेट पीकर, या दारू पीकर नहीं चढ़ें. लेकिन गुटखा खाकर या पान खाकर जरूर चढ़ सकते हैं. ऐसे यात्री आपको ट्रेनों में बहुत दिख जाएंगे. जो मुंह में गुटका या पान भरकर घूमते रहते हैं और जहां मन किया वही उसे थूक देते हैं. ये लोग गुटखा थकूकर ट्रेन या रेलवे स्टेशनों से तो चले जाते हैं, लेकिन इसका दाग ट्रेन और प्लेटफॉर्म पर रह जाता है. जिसे साफ करने की जिम्मेदारी भारतीय रेलवे के पास आती है.

गुटखे के दाग हटाने में खर्च होते हैं इतने करोड़

तमाम विज्ञापनों के बावजूद भी रेलवे में गुटखा खाकर थूकना आज भी नहीं रुका है. जिसे साफ करने में हर साल भारतीय रेलवे को करोड़ों रुपये कवाने पड़ते हैं. ज्ञात हो कि भारतीय रेलवे में साल 2021 में आंकड़ा दिया था, जो काफी हैरान करने वाला था. इस आंकड़े के अनुसार स्टेशनों और ट्रेनों पर गुटखे के दाग हटाने के लिए करीब रेलवे ने करीब 1200 करोड़ रुपए खर्च किए.

विज्ञापन पर भी होते हैं खर्च

गौरतलब है कि एक तरफ जहां भारतीय रेलवे यात्रियों द्वारा थूके गए गुटके को साफ करने के लिए करोड़ों खर्च करता है. तो वहीं, दूसरी तरफ उन्हें इस बात को बताने के लिए कि गुटखा खाकर थूकना गलत है और धुमप्रान निषेध के विज्ञापन के लिए भी करोड़ों रुपये खर्च करता है.

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