Kaam Ki Baat: अब दिवाली-छठ पर घर जाने का सपना नहीं रहेगा अधूरा, दनादन बुक करें टिकट

Divya Rai
Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Kaam Ki Baat: पढ़ाई, नौकरी, व्यापार के सिलसिले में ज्यादातर लोग अपने घरों से दूर रहते हैं. कई जगहों पर केवल त्योहारी सीजन में लंबी छुट्टी मिलती है. ऐसे में हर कोई त्योहार में अपने घर जाना चाहता है. खासकर दशहरा, दिवाली और छठ पूजा के लिए. लेकिन इसमें भी लोगों को ये टेंशन रहती है कि भारी भीड़ के कारण उन्हें टिकट मिल पाएगी या नहीं. ट्रेनों में कंफर्म टिकट न मिलने की वजह से कई लोगों के घर जाने का सपना अधूरा रह जाता है.

लेकिन अब यात्रियों को बिल्कुल भी टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. अब उन्हें बहुत ही आसानी से ट्रेन की कंफर्म टिकट मिलेगी. दरअसल, त्योहारी सीजन को देखते हुए रेलवे ने 6,000 पूजा स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया है. इस बात की जानकारी खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है. ये ट्रेनें ज्यादातर यूपी बिहार और पश्चिम बंगाल के लिए चलेंगी. रेलवे का ये अहम फैसला लोगों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है.

ट्रेनों की संख्या को और बढ़ा दिया जाएगा

इस साल रेलवे का लक्ष्य है कि वो दशहरा, दिवाली और छठ पूजा में लगभग 1 करोड़ लोगों को आराम से उनके घर पहुंचा सके. क्योंकि, त्योहारों के सीजन में ज्यादातर भीड़ उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में देखने को मिलती है. जिसके कारण लोगों को टिकट नहीं मिल पाती. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत करने के दौरान कहा कि अबतक 5,975 ट्रेनों को अधिसूचित (Notified) किया गया है जबकि पिछले साल इनकी संख्या 4,429 ही थी. उन्होंने आगे कहा कि अगर ज्यादा रिजर्वेशन की डिमांड बढ़ती है तो ट्रेनों की संख्या को और अधिक बढ़ा दिया जाएगा.

बनाए जा रहे हैं नए कोच

रेलवे के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि अगर डिमांड और बढ़ती है तो ट्रेनों की संख्या में इजाफा किया जाएगा. वहीं 108 ट्रेनों में अतिरिक्त जनरल कोचों को भी जोड़ा गया है और 12,500 नए कोच बनाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि नए बन रहे कोचों को एक-दो सालों में ट्रेनों से जोड़ दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने की CM नीतीश से मुलाकात, बताया किन मुद्दों पर हुई चर्चा !

Latest News

पुलिसकर्मियों की कविताओं के संकलन ‘चट्टानों के बीच तरल’ का मुंबई में लोकापर्ण

पुकिसकर्मियों को हमेशा सख़्त, मज़बूत व कम भावनात्मक माना जाता है तथा कविता लेखन को बेहद भावुक और नर्मदिल...

More Articles Like This

Exit mobile version