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केंद्र सरकार के अनुसार, फरवरी में करीब 225 करोड़ आधार ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शन और 43 करोड़ ई-केवाईसी ट्रांजैक्शन किए गए, जो सालाना आधार पर 14% की वृद्धि को दर्शाता है. सरकार ने शुक्रवार को ये जानकारी साझा की. ई-केवाईसी सर्विस बैंकिंग और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विस दोनों में ग्राहकों के लिए एक सहज और सुरक्षित अनुभव प्रदान करने में सहायक रही है. इस सर्विस ने अलग-अलग उद्योगों में ईज-ऑफ डूइंग बिजनेस को बेहतर बनाने में भी योगदान दिया है.
e-KYC ट्रांजैक्शन 2,311 करोड़ से अधिक
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के मुताबिक, फरवरी 2025 के अंत तक, आधार ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शन की कुल संख्या 14,555 करोड़ को पार कर गई थी, जबकि कुल ई-केवाईसी ट्रांजैक्शन 2,311 करोड़ से अधिक हो गए थे. आधार का इस्तेमाल कर फेस ऑथेंटिकेशन भी लोकप्रिय हो रहा है. अकेले फरवरी में, 12.54 करोड़ आधार फेस ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शन किए गए, जो अक्टूबर 2021 में इस सुविधा की शुरुआत के बाद से अब तक का सबसे अधिक मासिक आंकड़ा है.
कोटक महिंद्रा प्राइम लिमिटेड, फोनपे, करूर वैश्य बैंक और जेएंडके बैंक के साथ आधार की फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के लिए कुल 97 संस्थाओं को शामिल किया गया है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने कहा कि इसके लॉन्च के बाद से, आधार फेस ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शन 115 करोड़ को पार कर गए हैं, जिनमें से लगभग 87 करोड़ अकेले चालू वित्त वर्ष में हुए हैं. यूआईडीएआई द्वारा इन-हाउस डेवलप्ड एआई/एमएल बेस्ड फेस ऑथेंटिकेशन सॉल्यूशन अब फाइनेंस, इंश्योरेंस, फिनटेक, हेल्थ और टेलिकॉम में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है.
केंद्रीय और राज्य सरकार के अलग-अलग विभाग भी टारगेटेड लाभार्थियों को लाभ की डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए इस टेक्नोलॉजी का लाभ उठा रहे हैं. मंत्रालय ने कहा कि बैंकिंग, फाइनेंस और दूसरे क्षेत्रों में इसके बढ़ते उपयोग के साथ, आधार भारत के डिजिटल परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. इस बीच, जनवरी में भारत में आधार ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शन 284 करोड़ को पार कर गया, जो रोजाना की जिंदगी में डिजिटल आइडेंटिटी वेरिफिकेशन की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अनुसार, पिछले साल इसी महीने की तुलना में यह 32 प्रतिशत की वृद्धि थी, जब 214.8 करोड़ ट्रांजैक्शन दर्ज किए गए थे.