इतने दिनों में जरूर बदल दें तकिए का कवर, गंदा कवर यूज करने से होती हैं यह बीमारियां

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

When to Change Pillow Cover: स्वस्थ्य रहने के लिए अनुशासित जीवनशैली की काफी आवश्यक है. इसमें हमारे आसपास की चीजों का साफ-सुथरा होना काफी जरुरी है. इसी में से एक है बिस्तर. दिन भर की थकान के बाद रात को जब कोई भी बिस्तर पर जाता है तो वह खुद को काफी रिलैक्स पाता है. ऐसे में अगर हम आपसे कहें कि आपका बिस्तर भी कई बीमारियों का घर है तो आप परेशान हो सकते हैं.

दरअसल, अच्छी नींद के लिए बिस्तर का आरामदायक होना काफी जरुरी है. बिस्तर का अहम हिस्सा तकिया होता है. कुछ लोग तो कई तकिए लेकर सोते हैं. तकिए के साथ सोना तब तक गलत नहीं होता है, जब तक कई-कई दिनों तक उसके कवर को बदला न जाए. अगर लंबे समय तक पिलोकेस ना बदला जाए तो बैक्टेरिया और बीमारिया उसको अपना घर बना लेते हैं. ऐसे में इस प्रकार के तकिए के कवर से तमाम प्रकार की बीमारियों के फैलने का डर होता है.

पिलो कवर को लेकर ये जान लीजिए

अगर हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो कम से कम हर हफ्ते तकिए के कवर को बदल देना चाहिए. इसी के साथ तकिए को बिना कवर के महीने में एक बार धूप में भी रखना चाहिए. अगर आप एक निर्धारित समय पर तकिए के पिलो को नहीं बदलते हैं तो स्किन को काफी नुकसान उठाने पड़ सकते हैं. इससे सबसे ज्यादा स्किन से जुड़ी समस्याएं हो सकती है. कई बार तो इसका इलाज करवाना भी काम नहीं आता है.

कब बदल देना चाहिए पिलो कवर

जानकारी के अनुसार तकिए के कवर यानी पिलो कवर को हर हफ्ते बदल देना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि तकिए के कवर में हर दिन धूल और कण के अलावा तेल, डेड स्किन, हानिकारक बैक्टीरिया, कई तरह की गंदगी और घर में अगर पालतू जानवर हैं तो उनके बाल भी चिपक जाते हैं. इस वजह से तमाम प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

अगर हफ्ते में आपने अपना पिलो कवर नहीं बदला है तो ये स्किन एलर्जी का कारण बन सकता है. कई बार पिलो कवर के कारण इंफेक्शन का सामना भी करना पड़ता है. इसी के साथ आपको अपनी बेडशीट को भी चेंज करना चाहिए. पिलो कवर बदलने से आपकी तकिया की उम्र भी बढ़ जाती है. इसी के साथ बेडशीट और तकिया का कवर बदलने से पॉजिटिविटी भी आती है कमरे की खूबसूरती भी बढ़ जाती है.

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